Uttara Bawkar : राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री उत्तरा बावकर का 79 की उम्र में निधन,
मुंबई, नवप्रदेश। प्रसिद्ध अभिनेत्री और थिएटर कलाकार उत्तरा बाओकर का निधन हो गया है। बता दें लंबी बीमारी के बाद महाराष्ट्र के पुणे शहर में 79 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। इस बात की जानकारी उनके परिवार के करीबी सूत्र ने दी। बुधवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया (Uttara Bawkar) गया।
उत्तरा ने मृणाल सेन की एक दिन अचानक के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता, उन्होंने रुक्मावती की हवेली, सरदारी बेगम, तक्षक, डोर, आजा नचले, 8 x 10 तस्वीर, लेसन्स इन फॉरगेटिंग, संहिता जैसी कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) में अभिनय का अध्ययन करने वाली उत्तरा ने ‘मुख्यमन्त्री’ में पद्मावती, ‘मेना गुर्जरी’ में मेना, शेक्सपियर के ‘ओथेलो’ में डेसडेमोना, नाटककार गिरीश कर्नाड की ‘तुगलक’ में माँ जैसे विभिन्न नाटकों में विभिन्न भूमिकाएँ निभाईं।
गोविंद निहलानी की फिल्म ‘तमस’ में अपनी भूमिका के बाद बावकर सुर्खियों में आईं, उन्होंने सुमित्रा भावे की फीचर फिल्मों में भी काम किया। वह उड़ान, अंतराल, एक्स ज़ोन, रिश्ते कोरा कागज़, नज़राना, जस्सी जैसी कोई नहीं, कशमकश ज़िंदगी की और जब लव हुआ जैसे लोकप्रिय टीवी शो में नज़र आ चुकी (Uttara Bawkar) हैं।
फिल्म निर्माता सुनील सुकथंकर ने कहा कि उन्होंने उनके साथ लगभग आठ फीचर फिल्मों में काम किया और उनकी लंबे समय से सहयोगी रहीं सुमित्रा भावे उन्हें एक ऐसी अभिनेत्री के रूप में मानती थीं जो मजबूत महिला पात्रों को चित्रित कर सकती थी।
“उन्होंने हमारी फिल्मों में कई तरह की महिला भूमिकाएँ निभाईं और वह एक अनुशासित अदाकारा थीं। जब सेट पर, कोई बकवास रवैया नहीं होता (Uttara Bawkar) था।