मुसाफिरों को नहीं मिल रहा वाहन, यात्री भरी गर्मी में बेबस

मुसाफिरों को नहीं मिल रहा वाहन, यात्री भरी गर्मी में बेबस

शादी का सीजन होने से सवारियों की संख्या बढ़ी

नवप्रदेश संवाददाता
उतई। शादी की सीजन के कारण सड़को पर सवारियों की संख्या बढ़ गई है। सड़को पर चलने वाली यात्री बसों को चुनाव के लिए अधिग्रहित किया है।
कुछ बसों को यात्रियों के लिए रखा गया था वो भी बाराती ढोने में लगे है। इस कारण मुसाफिरों को काफी परेशानिया का सामना करना पड़ रहा है। दुर्ग पाटन व रायपुर पाटन मुख्य मार्ग पर सिटी बसें और कुछ प्राइवेट बस ही चल रही है। उसमें भी सवारियों को भेड़ बकरियों की भरा जा रहा है।
दुर्ग से पाटन व पाटन से राजधानी रायपुर के लिए सीधे बस सेवा है। इसी तरह दुर्ग से धमतरी, दुर्ग से अभनपुर, राजिम, गरियाबंद, पाटन से रानितराई धमतरी, सेलुद से धमतरी के लिए बस सेवा है। यात्रियों के लिए सिर्फ बस ही एक साधन है जिससे आना जाना कर सकते है। शादी की सीजन होने के कारण अब यात्रियों का दबाव बन रहा है। सभी मार्ग पर बसे का परिचालन पर्याप्त हो रही थी। बसों को चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है। इसके साथ ही शादी में शेष बचे बसे बारात लाने ले जाने के लिए बुकिंग हो जाने के कारण सड़को पर बसे कम चल रही है। इस कारण यात्रियों को घंटो इंतजार करना पड़ता है।
दुर्ग से पाटन तक उतई, सेलूद, फुन्डा सबसे बड़ा स्टापेज है। यहां पर गाडिय़ों की अदला बदली भी सवारी करते है। इन स्थान पर दिन भर सवारियों का दबाव रहता है। तेज गर्मी धूप में बस का घण्टो इंतजार करना पड़ता है। इसी तरह से पाटन, जामगांव एम, जामगांव आर, रानितराई, गाड़ाढिह में भी यात्रियों का भारी दबाव हमेशा रहता है। शादी सीजन के कारण यात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। लेकिन बसे प्रायवेट बुकिंग में चले जाने के कारण सवारी को समय पर बस नही मिल पा रहा है।
फुंडा चौक पर ज्यादा सवारी
पाटन दुर्ग व रायपुर से पाटन के।लिए ज्यादा सवारी रहती है। सभी सवारी को फुंडा चौक से होकर गुजरना पड़ता है। यहां पर सवारी ज्यादा चढ़ते व उतरते हैं। रायपुर से जामगाव आर की तरफ़ जाने के लिए फुंडा चौक से गाड़ी की बदली की जाती है। इसके अलावा फुंडा और सेलुद,उतई, चौक आसपास के कई ग्रामो।के लिए सुगम यातायात यही से उपलब्ध होती है। उतई नगर से जुड़े हुए गाँवो में जाने के लिए ऑटो एवं अन्य वाहन भी नही मिल रहे है प्रमुख रूप से खोपली मचांदुर करगाडीह कातरो मातरो, चिरपोटी और आस पास के गांव के लोग यही से गाड़ी बैठकर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं।

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