US Tariff Threat India Rice : ट्रंप ने अब भारतीय चावल के आयात पर टैरिफ लगाने की दी धमकी

US Tariff Threat India Rice

US Tariff Threat India Rice

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब भारत के चावल पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की चेतावनी दी है। अमेरिकी अधिकारियों ने ट्रंप को बताया कि भारत अमेरिका में चावल की बड़े पैमाने पर डंपिंग (US Tariff Threat India Rice) कर रहा है, जिसके बाद ट्रंप ने कहा— भारत को अमेरिकी बाजार में चावल डंप नहीं करना चाहिए, हम इस मामले को टैरिफ के जरिए आसान तरीके से सुलझा सकते हैं।

हालांकि भारतीय निर्यातकों का मानना है कि यदि शुल्क बढ़ता भी है तो इसका भारतीय चावल के विश्व-स्तरीय निर्यात पर बड़ा असर संभावित नहीं है। क्योंकि अमेरिका में भारतीय चावल पर पहले से ही 53% तक शुल्क लागू है और यदि इसमें और बढ़ोतरी होती है, तो अमेरिकी उपभोक्ताओं पर इसका सीधा प्रभाव पड़ सकता है, वहीं भारत के पास कई वैकल्पिक निर्यात बाज़ार उपलब्ध हैं।

पिछले महीनों में अमेरिका द्वारा 50% आयात शुल्क लागू होने के बाद से भारत से होने वाला चावल निर्यात पहले ही कम हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान और वियतनाम जैसे देशों पर कम शुल्क होने से अमेरिकी बाज़ार में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है।

निर्यातक मानते हैं कि यदि टैरिफ बढ़ा भी दिया गया तो विश्व स्तर पर अन्य देशों में बढ़ती मांग इसकी कमी को संतुलित कर देगी (India Rice Export Impact)। ट्रंप प्रशासन पहले से ही भारतीय व्यापार पर कड़े रुख में है—तेल, कृषि और इंपोर्ट-ड्यूटी जैसे मुद्दों पर एक से अधिक बार दबाव बनाया जा चुका है। चावल विवाद भी उसी क्रम का हिस्सा माना जा रहा है।

अमेरिका के बाजार में चावल की “डंपिंग” न करे भारत

प्रेट्र के अनुसार व्हाइट हाउस में कृषि प्रतिनिधियों के साथ गोलमेज बैठक के दौरान लुइज़ियाना की व्यापार प्रतिनिधि मेरिल केनेडी ने बताया कि दक्षिणी राज्यों में चावल उत्पादकों पर दबाव बढ़ रहा है क्योंकि कुछ देश—जिनमें भारत, थाईलैंड, चीन (Export Tariff Dispute) शामिल हैं—अमेरिका में चावल डंप कर रहे हैं।

केनेडी ने कहा कि पहले लगाए गए शुल्क कारगर हैं पर उन्हें और बढ़ाने की आवश्यकता है। इस पर ट्रंप ने वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट की ओर देखते हुए कहा—भारत को टैरिफ का भुगतान करना होगा, डंपिंग स्वीकार्य नहीं।

बेसेंट ने जवाब में कहा कि भारत के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है। ट्रंप ने संकेत दिया कि टैरिफ बढ़ाकर यह मुद्दा “दो मिनट में हल हो सकता है”, हालांकि उनकी टैरिफ शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट में कानूनी फैसला लंबित है।

वैश्विक बाज़ार में भारतीय चावल की स्थिति

भारतीय निर्यातकों का कहना है कि वैश्विक बाजार में भारत के चावल की मांग लगातार ऊंची बनी हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 39 करोड़ डॉलर मूल्य का चावल निर्यात किया, जिसमें से 33 करोड़ डॉलर केवल बासमती का था, जबकि 6 करोड़ डॉलर गैर-बासमती की हिस्सेदारी रही। अमेरिकी हिस्सेदारी सीमित होने के कारण बड़े बाजारों में बिक्री जारी रह सकती है, इसलिए अतिरिक्त शुल्क का असर सीमित रहने की संभावना है।

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