Exclusive : UPSC की छग टॉपर भिलाई की सिमी करन ने सिर्फ 3 माह की कोचिंग, नवप्रदेश को बताया- हार्ड वर्क से ज्यादा…
- सिविल सेवा परीक्षा में सिमी की ऑल इंडिया रैंकिंग रही 31
- चुना है भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) को
- छग से कुल 6 अभ्यर्थियों को मिली है सफलता
अश्विन अगाड़े/भिलाई/ नवप्रदेश। संघ लोक सेवा आयोग (upsc) की सिविल सेवा परीक्षा (civil service exam 2019) 2019 में भिलाई (bhilai) की सिमी करन (simi karan) ने छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में टॉप (topper) किया है। यूपीएससी (upsc) की सिविल सेवा परीक्षा (civil service exam 2019) 2019 में छत्तीसगढ़ से कुल 6 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। इनमें छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) से सिमी करन (simi karan) ही टॉपर (topper) हैं।
इनमें भिलाई (bhilai) की सिमी करन (simi karan) की ऑल इंडिया रैंकिंग सर्वाेच्च 31 है। खास बात ये है कि सिमी ने यूपीएससी की एग्जाम फर्स्ट अटेंप्ट में ही क्लीयर कर डाली वो भी आईआईटी लास्ट ईयर की पढ़ाई जारी रखते हुए। सिमी ने बॉम्बे आईआईटी से फाइनल ईयर की एग्जाम 2019 में ही दी और यूपीएससी में भी इसी साल सफलता अर्जित की।
उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा को चुना है। आईआईटी बॉम्बे में भी सभी ब्रांच की लड़कियों में टॉप किया है। इस अप्रत्याशित उपलब्धि केे पीछे के राज के बारे में सिमी ने नवप्रदेश से खास बातचीत में बताया कि वह हार्डवर्क से ज्यादा स्मार्ट वर्क में भरोसा रखती हैं। इसी की बदलौलत उन्होंने इतने कम समय में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। उन्होंने परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को दिए अपने संदेश में भी स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करने को कहा है। पेश है सिमी की सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी…
माता-पिता को सर्वाधिक श्रेय
सिमी के पिता डीएन करन भिलाई स्टील प्लांट में जीएम के पद पर हैं तथा उनकी मां दुर्ग डीपीएएस में शिक्षिका है। परिवार मूलतया ओडिशा का रहने वाला है। अपनी सफलता के श्रेय के सवाल पर सिमी ने बताया- ये किसी एक व्यक्ति की कोशिश का नतीजा नहीं हो सकता। मेरे माता-पिता, शिक्षक, दोस्त सभी ने मेरा साथ दिया। लेकिन मैं सबसे ज्यादा श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहूंगी क्योंकि उन्होंने हर मोड़ पर मेरा हौसला बनाए रखा।
मई में खत्म हुई आईआईटी की परीक्षा, जून में प्रीलिम्स, स्मार्ट वर्क आया काम
सिमी ने बताया कि उन्होंने मई माह में आईआईटी अंतिम वर्ष की परीक्षा दी। इसके बाद वह घर भिलाई लौट आईं। आईआईटी के साथ यूपीएससी (upsc) की तैयारी फाइनल ईयर की शुरुआत से ही शुरू कर दी थी। लेकिन जून में ही प्रीलिम्स की एग्जाम होनी से डर बना था। समय काफी कम था। कभी तो उन्हें ऐसा लगा कि उनसे ये नहीं हो पाएगा। लेकिन वे पहले से ही हार्डवर्क से ज्यादा स्मार्ट वर्क पर भरोसा रखती थीं। यही ट्रिक उन्होंने यूपीएससी (upsc) की परीक्षा में भी अप्लाई की। सिमी कहती हैं- आप कितना भी पढ़ लो कितनी भी कड़ी मेहनत कर लो, लेकिन अपनी मेहनत व अपनी सोच को परीक्षा में प्रदर्शित नहीं कर पाए तो सफलता की राह कठिन हो जाती है। इसलिए आपके द्वारा किया जा रहा काम स्मार्ट होना जरूरी है।
सिर्फ तीन माह की कोचिंग में पा लिया लक्ष्य
सिमी ने इस बात को स्वीकार किया कि यूपीएससी (upsc) जैसी परीक्षा के लिए गाइडेंस की जरूरत होती है। लिहाजा उन्होंने भी दिल्ली में कोचिंग ज्वाइन की। लेकिन ये सिर्फ तीन माह के लिए थी। सिमी ने बताया कि प्रीलिम्स की परीक्षा के बाद उन्होंने कोचिंग ज्वाइन की और सितंबर में मैंस की एग्जाम थी। लेकिन तीन माह की कोचिंग में ही उन्होंने मैंस भी उत्तीर्ण कर ली।
हमारे जवाबों से ही निकलते हैं इंटरव्यूअर के सवाल
इंटरव्यू को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सिमी ने बताया कि हमारे जवाबों से इंटरव्यूअर अधिकतर सवाल करते हैं। इंटरव्यू में कैंडिडेट्स की ओवरऑल पर्सनॉलिटी का आंकलन किया जाता है। यह भी मायने रखता है कि हमारे जवाब देने का अंदाज कैसा है। अभ्यर्थी को अपने
हर जवाब के साथ उससे जुड़े सवाल को लेकर तैयार रहना चाहिए। इंटरव्यूअर अभ्यर्थी के जीवन से जुड़े किसी भी पहलू से सवाल कर सकते हैं। बकौल सिमी, जब उन्होंने बताया कि वह छत्तीसगढ़ और ओडिशा से ताल्लुक रखती हैं तो इंटरव्यूअर के सवाल छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बारे में होने लगे। और वो दोनों राज्यों के बारे में जो भी बताती अगला सवाल उन्हीं के जवाब में से होता था।
स्टूडेंट इनिशिएटिव प्रोग्राम से सीखा टाम मैनेजमेंट
सिमी ने टाम मैनेजमेंट से जुड़ा भी एक किस्सा बताया। उन्होंने बताया कि थर्ड ईयर में आईआईटी के विद्यार्थियों द्वारा स्टूडेंट इनिशिएटिव प्रोग्राम चलाया गया था। इसमें उन्हें झुग्गी व गरीब बच्चों को पढ़ाना होता था। तब उन्हें ऐसा लगा कि ये सब कैसे हो पाएगा, लेकिन उन्होंने टाइम मैनेज किया और बच्चों को पढ़ाते हुए अपनी पढ़ाई भी अच्छे से की। लास्ट ईयर में आईआईटी की पए़ाई व यूपीएससी (upsc) की तैयारी साथ-साथ जारी रखने के लिए भी इसी टाइम मैनेजमेंट का इस्तेमाल किया।
बतौर आईएएस महिला सशक्तिकरण व शिक्षा पर रहेगा फोकस
सिमी ने बताया कि बतौर आईएस उनका फोकस महिला सशक्तिकरण व शिक्षा पर रहेगा। उन्होंने कहा कि लड़की होने के नाते उन्हें मालूम है कि आज भी लड़कियों को शिक्षा में कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सिमी ने कहा कि वे बतौर आईएएस शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों की राह आसान करने का हर संभव प्रयास करेंगी।
सूची में छत्तीसगढ़ से पांच नाम
नाम – ऑल इंडिया रैंकिंग
सिमी करन- 31
उमेशप्रसाद गुप्ता- 162
सूथान- 209
आयुष खरे- 267
जितेन्द्र कुमार यादव- 370वां
योगेश कुमार पटेल- 434