UPI Transaction Growth 2025 : डिजिटल इंडिया की रफ्तार तेज, 35% बढ़े यूपीआइ ट्रांजेक्शन, 143 लाख करोड़ पार

UPI Transaction Growth 2025

डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में यूपीआइ (UPI Transaction Growth 2025) का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। 2025 की पहली छमाही में यूपीआइ के जरिये ट्रांजेक्शन 35 प्रतिशत बढ़कर 106.36 अरब तक पहुंच गया। वर्ल्डलाइन की इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट (2025 की पहली छमाही) के अनुसार, इन लेनदेन का कुल मूल्य 143.34 लाख करोड़ रुपये रहा, जो दर्शाता है कि डिजिटल भुगतान अब भारत की रोजमर्रा की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।

औसत यूपीआइ लेनदेन का आकार 2024 की पहली छमाही के 1,478 रुपये से घटकर 2025 की इसी अवधि में 1,348 रुपये हो गया। यह गिरावट इस बात का संकेत है कि लोग छोटी-छोटी, दैनिक खरीदारी के लिए यूपीआइ (UPI Transaction Growth 2025) का ज्यादा उपयोग कर रहे हैं। व्यक्ति से व्यापारी (P2M) लेनदेन 37 प्रतिशत बढ़कर 67.01 अरब हो गए। भारत के क्यूआर-आधारित भुगतान नेटवर्क में भी जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई और जून 2025 तक यह दोगुने से अधिक होकर 67.8 करोड़ तक पहुंच गया।

पाइंट ऑफ सेल (POS) टर्मिनलों की संख्या 29 प्रतिशत बढ़कर 1.12 करोड़ हो गई, जबकि भारत क्यूआर का आंकड़ा 67 लाख से अधिक हो गया। रिपोर्ट से यह भी सामने आया कि प्रीमियम खर्च के लिए उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड (UPI Transaction Growth 2025) का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच सक्रिय क्रेडिट कार्डों की संख्या में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मासिक खर्च 2.2 ट्रिलियन रुपये को पार कर गया।

क्रेडिट कार्ड के जरिये औसत लेनदेन आकार में छह प्रतिशत की गिरावट आई है, जो इस बात को दर्शाता है कि रोजमर्रा की खरीदारी के लिए भी अब क्रेडिट कार्ड का प्रयोग बढ़ा है। यूपीआइ के जरिए छोटे भुगतान बढ़ने से पीओएस पर डेबिट कार्ड का उपयोग लगभग आठ प्रतिशत घटा है। दैनिक लेनदेन के लिए मोबाइल भुगतान सबसे पसंदीदा माध्यम बना हुआ है और इसमें साल-दर-साल 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।