कांगेर घाटी में बिखरा प्रकृति का अनुपम सौंदर्य, बन गये कई मनोरम जलप्रपात
जगदलपुर। बस्तर bastar के जैव विविधता से भरी कांगेर घाटी Kanger valley में प्रकृति का सौंदर्य इस वर्षा काल में भरपूर यौवन के साथ उभर आया है। इस घाटी में सौंदर्य को निहारने के लिए यह सबसे अच्छा समय होता है। इसके साथ ही हो रही वर्षा से घाटी में पहले से चले आ रहे जलप्रपातों का सौंदर्य भी देखते ही बनता है।
यहां केवल तीरथगढ़ जलप्रपात Tirathghar नहीं इसके अलावा घने जंगलों में कई जलप्रपात पानी के तेज बहाव से बन गये हैं। जिनकी जानकारी लोगों को नहीं हुई है। ऐसे ही कांगेर घाटी क्षेत्र में 5 जलप्रपातों की जानकारी प्राप्त हुई है।
स्थानीय दंडक दल के नाम से युवकों का एक दल है जिनमें से अविनाश ने बताया कि उनके सभी साथियों द्वारा कांगेर घाटी Kanger valley की सुंदरता देखते समय उन्हेंं स्थानीय ग्रामीणों ने और भी जल प्रपातों के बारे में बताया और उन्होंने इन जलप्रपातों तक जाकर उनका सौंदर्य देखा तथा इनकी तस्वीर भी ली।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीणों ने इन जलप्रपातों के नाम के बारे में भी बताया जो कि इस प्रकार से हैं कुंदरू घुमर, झुलना दरहा, शिवगंगा और बुनबुनी तथा चिकनरा जलप्रपात हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि घने जंगलों के बीच में और भी जलप्रपात हैं लेकिन वहां पहुंचना मुश्किल है। जलप्रपातों तक पहुंचने में दंडक दल के सदस्य अविनाश प्रसाद, शिराज़ गाजी, शेखर ठाकुर, स्वाति दुबे, लूमन सिंह ठाकुर और मुन्ना बघेल शामिल थे।
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