EXCLUSIVE : ब्रह्मंड की उत्पत्ति के रहस्यों को सुलझाएगा छग के चंद्रा का शोध
- दिया ब्लैक होल के तापमान के सही निर्धारण के सिद्धांत का प्रस्ताव
- कपिल चंद्रा के शोध पत्र का प्रकाशन हुआ है यूएसए के जर्नल में
- कोंडागांव में एसडीओपी रह चुके कपिल चंद्रा
नीरज उईके/कोंडागांव। ब्रह्मांड (universe) की उत्पत्ति संबंधी रहस्सों को सुलझाने में दुनियाभर के वैज्ञानिक लगे हुए हैं। अब इन रहस्यों को सुलझाने में छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के एक पुलिस अधिकारी का किया शोध (research) भी काम आएगा।
ये शोध कोंडागांव जिले में बतौर एसडीओपी अपनी सेवा दे चुके कपिल चंद्रा (kapil chandra) ने किया है। उनके शोध पत्र का प्रकाशन यूएसए यानी अमेरिका के जर्नल में किया गया है। अपने शोध में कपिल चंद्रा ने बताया है कि अब तक ब्लैक होल के तापमान का गलत अनुमान किया जा रहा था। क्योंकि ये अनुमान कुछ अपूर्ण अवधारणाओं पर आधारित था। अत: सैद्धांतिक रूप से इसमें सुधार का प्रस्ताव किया गया है, जिससे सही तापमान का अनुमान लगाना सम्भव होगा। कपिल चंद्रा का बीते दिनों कोंडागांव से रायपुर तबादला हो चुका है।
कपिल के रिसर्च का ऐसे होगा लाभ
यह रिसर्च इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रयोगशाला में ब्लैक होल निर्माण करने में सहयोग करेगा व साथ ही ब्रह्मांड (universe) के निर्माण सम्बन्धी गूढ़ रहस्यों को भी सुलझाएगा। कपिल चंद्रा (kapil mishra) अपने कुशल शासकीय कार्य संचालन के साथ ही ब्रह्मांड विज्ञान के क्षेत्र में भी लगातार शोध करते रहे हैं।
अब तक यह अवधारणा
राज्य पुलिस सेवा में अपनी सेवा दे रहे कपिल चंद्रा के शोध पत्र का प्रकाशन यूएसए के जर्नल में किया गया है। पहले यह माना जाता था कि ब्लैक होल में सब कुछ समा जाता है और कोई चीज बाहर नहीं निकल सकती है। फिर क्वांटम भौतिकी में यह मामला सामने आया कि क्वांटम प्रभाव के कारण से हर ब्लैक होल का एक निश्चित तापमान होता है और इस तापमान के कारण से कुछ न कुछ कण विकिरण के रूप में निकलते रहते हैं और अंत में ब्लैक होल का विस्फोट हो जाता है जिससे ब्रम्हाण्ड के समस्त पदार्थों का निर्माण होता है।
जापान से मिला था आमंत्रण, लॉकडाउन के कारण नहीं जा पाए
छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के कपिल चंद्रा को जापान की यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो से भी ब्रह्मांड विज्ञान पर आयोजित तीन दिवसीय वर्कशॉप में स्पीच देने के लिए बुलाया गया था। यूनिवर्सिटी में ‘न्यू डायरेक्शंस इन कॉस्मोलॉजी’ विषय पर आयोजित कार्यशाला 24 से 27 मार्च के बीच आयोजित की गई थी। लेकिन कोरोना के चलते लग लॉकडाउन के कारण वे वहां नहीं जा पाए थे।