UNICEF : बच्चों के लिए आदिवासी नेताओं के समूह 'उपजास' का शुभारंभ |

UNICEF : बच्चों के लिए आदिवासी नेताओं के समूह ‘उपजास’ का शुभारंभ

UNICEF: 'Upjas', a group of tribal leaders for children launched

UNICEF

राज्य का पहला ट्राइबल लीडर्स कलेक्टिव फॉर चिल्ड्रन

जगदलपुर/नवप्रदेश। UNICEF : छत्तीसगढ़ के पहले ट्राइबल लीडर्स कलेक्टिव फॉर चिल्ड्रन ‘उपजास’ का शुभारंभ मंगलवार को जगदलपुर में किया गया। ‘उपजास’ का अर्थ है मां प्रकृति, और यह मंच यूनिसेफ और मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट्स (एमसीसीआर) द्वारा समर्थित है। उपजास समूह में शामिल आदिवासी नेताओं द्वारा समुदायों में स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के साथ ही कोविड टीकाकरण को बढ़ावा देने का कार्य किया जाएगा।

UNICEF: 'Upjas', a group of tribal leaders for children launched
राज्य का पहला ट्राइबल लीडर्स कलेक्टिव फॉर चिल्ड्रन

प्रभावशाली जनजातीय नेताओं का समूह

यूनिसेफ छत्तीसगढ़ (UNICEF) के प्रमुख जॉब जकरिया ने कहा कि आदिवासी नेताओं की बातों और और उनकी सलाह का लोग सम्मान करते हैं। बैगा, गुनिया, पुजारी, सिरहास और वैद्य आदिवासी समुदायों में प्रभावशाली नेता और प्रमुख मौजूद हैं। समुदाय के प्रमुख लोगों की राय, उनके दृष्टिकोण और व्यवहार को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आदिवासी समुदाय प्रमुख दस व्यवहारों और प्रथाओं को बढ़ावा दें। ट्राइबल लीडर्स कलेक्टिव फॉर चिल्ड्रन विशेष रूप से बच्चों के लिए आदिवासी नेताओं और समुदाय के प्रभावी व्यक्तियों का समूह है।

‘उपजास’ का किया ‘लोगो’ जारी

मारिया, मडिय़ा, भात्रा, मुरिया, धुरवा और बस्तर क्षेत्र के अन्य आदिवासी समुदायों (UNICEF) के लगभग 50 आदिवासी नेताओं ने इस शुभारम्भ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। लोकनाथ बघेल, मुख्य पुजारी, गिरोला मंदिर, शंकर कश्यप, मुख्य पुजारी, थोकपाल, लक्ष्मण, वरिष्ठ सिरहा, दरबाह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। लांच के दौरान, ‘उपजास’ ट्राइबल कलेक्टिव फॉर चिल्ड्रन का ‘लोगो’ भी जारी किया गया।

देश की पहली अभिनव पहल: नरेंद्र यादव

एमसीसीआर के सलाहकार नरेंद्र यादव ने कहा कि, उपजास एक त्रिपक्षीय मंच है, जो आदिवासी नेताओं, मीडिया और यूनिसेफ का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा की यह राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी तरह की पहली नवाचारी पहल है। छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ आदिवासी नेताओं के साथ जुड़ कर महिलाओं और बच्चों से संबंधित बुनियादी और आवश्यक सेवाओं को बढ़ावा देता है।

गर्भावस्था के शुरुआती पंजीकरण, पूर्ण एएनसी, टीकाकरण, छह महीने के लिए विशेष स्तनपान और समय समय पर साबुन से हाथ धोने के महत्व के बारे में भी यूनिसेफ (UNICEF) द्वारा जागरूकता पैदा की जा रही हैं। यूनिसेफ इंडिया पहले भी विभिन्न धर्म के समुदायों के साथ मिलकर बच्चों को प्रभावित करने वाले व्यापक मुद्दों पर काम करता आया है। यूनिसेफ अपने व्यापक और प्रभावी नेटवर्क के ज़रिये सबसे अधिक वंचित समूहों तक पहुंचता हैं और उनसे जुड़े मुद्दों पर कार्य करता है।

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