संपादकीय: भारत पर ट्रंप का टैरिफ अटैक

संपादकीय: भारत पर ट्रंप का टैरिफ अटैक

Trump's tariff attack on India

Trump's tariff attack on India

Editorial: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार भारत पर टैरिफ अटैक कर ही दिया। 27 अगस्त से ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयात किये जाने वाले समानों पर पचास प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। यह सिर्फ भारत के खिलाफ एक व्यापारिक निर्णय नहीं है बल्कि फाइनेंशियल अटैक भी है जिसका भारतीय बाजार और भारतीय कंपनियों पर असर पड़ेगा। इससे सबसे ज्यादा कपड़ा उद्योग, चमड़ा उद्योग तथा रत्न और आभूषण अद्योग प्रभावित होंगे। 50 प्रतिशत टैरिफ लग जाने के कारण इन भारतीय वस्तुओं के दाम अमेरिका में बढ़ जाएंगे जिसकी वजह से इन वस्तुओं के निर्यात में 70 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है और इसके कारण भारतीय कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

किन्तु इसका खामियाजा खुद अमेरिका को भी भुगतना पड़ेगा। जहां भारतीय वस्तुओं की उच्च गुणवत्ता के कारण भारी मांग है और वहां इन वस्तुओं के दाम बढऩे से अमेरिकन लोगों को अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक कई देशों पर जो टैरिफ वार कर रहे हैं उसके चलते अमेरिका में विदेशों से आयात किये जाने वाले समानों की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। नतीजतन अमेरिका में महंगाई आसमान छुने लगी है और बेरोजगारी की समस्या भी विकराल रूप धारण कर रही है। रही बात डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार से भारत पर पडऩे वाले प्रभाव की तो इसमें कोई दो मत नहीं की इससे भारत को नुकसान होगा। लेकिन भारत ने पहले से ही इस होने वाली क्षति की भरपाई के लिए प्रभावी पहल करनी शुरू कर दी है।

भारतीय उद्योगों और कंपनियों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान यह कहा था कि उनकी सरकार बहुत जल्द जीएसटी में संशोधन कर लोगों को दीपावली के दौरान तोहफा देगी। अब चूंकि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है कि यह भी संभव है कि केन्द्र सरकार दीपावली तक इंतजार न करे और नवरात्रि पर्व के दौरान ही जीएसटी में कटौती करने की घोषणा कर दे। इसके अलावा भारत ने अन्य देशों में अपना निर्यात बढ़ाने की कवायद भी तेज कर दी है। मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए गणेश उत्सव पर्व के पहले ही दिन भारत ने गुजरात के अहमदाबाद में सूजुकी की इलेक्ट्रीक कार का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों से कराया है। यह इलेक्ट्रीक सूजुकी कार दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में निर्यात की जाएगी।

पीएम मोदी के अनुसार मेक इन इंडिया मेक ऑफ द वल्र्ड के साझा लक्ष की दिशा में यह एक बड़ी छलांग है। कुल मिलाकर भारत अमेरिका के टैरफि वार से निपटने के लिए तैयार है। भारत की यह तैयारी तो उसी समय से शुरू हो गई थी जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर चलाकर पूरी दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सैन्य कार्यवाही से सबसे ज्यादा परेशान अमेरिका हुआ था और उसी समय ये भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में खटास आ गई थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का श्रेय लुटने की कोशिश करके भारत को और नाराज कर दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम का श्रेय लुटने के लिए यह भी बयान दिया था कि उन्होंने भारत को व्यापारिक समझौता न करने की धमकी देकर उसे सीजफायर के लिए मजबूर किया था डोनाल्ड ट्रंप लगातार ऐसी बाते कहते रहे और भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी भी देते रहे किन्तु भारत ने उनकी धमकी के आगे झूकना कबूल नहीं किया। एक जर्मन अखबार के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर चार बार पीएम मोदी से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन पीएम मोदी ने उनके साथ बात करने से ही इंकार कर दिया।

जर्मन मीडिया की इस खबर का अभी तक न तो अमेरिका ने खंडन किया है न ही भारत ने इसे गलत बताया है। यदि यह खबर सही है तो डोनाल्ड ट्रंप के लिए इससे बड़ी अपमानजनक घटना और कोई नहीं हो सकती की किसी देश का प्रधानमंत्री उनके साथ फोन पर भी बातचीत करने से इंकार कर दे। जाहिर है इसी खीज में डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ वार किया है जिसका खामियाजा खुद अमेरिका को भी भुगतना पड़ेगा।