Trump Putin Meeting : ट्रंप–पुतिन की तीन घंटे चली मुलाकात…युद्धविराम पर नतीजा नहीं…

Trump Putin Meeting : ट्रंप–पुतिन की तीन घंटे चली मुलाकात…युद्धविराम पर नतीजा नहीं…

Trump Putin Meeting

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Trump Putin Meeting : रूस–यूक्रेन युद्ध को लेकर पूरी दुनिया की निगाहें अलास्का पर टिकी थीं, जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आमने-सामने बैठे। करीब तीन घंटे चली इस हाई-प्रोफाइल बैठक के बाद भी युद्धविराम पर कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि बातचीत में पुतिन का पलड़ा भारी रहा।

अलास्का समिट की 10 बड़ी बातें

बैठक अलास्का के ज्वाइंट बेस एल्मेंड्रॉफ-रिचर्डसन एयरबेस पर हुई, जो शीत युद्ध के समय अमेरिका का अहम सैन्य अड्डा था।

ट्रंप और पुतिन के बीच औपचारिक समझौता नहीं हुआ, लेकिन दोनों ने अपने-अपने राजनीतिक संदेश दुनिया तक पहुंचाने की कोशिश की।

तीन घंटे की चर्चा के बाद दोनों नेताओं ने ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस(Trump Putin Meeting) की, लेकिन किसी पत्रकार के सवाल का जवाब नहीं दिया।

पुतिन अपनी टीम के साथ आए, जिसमें विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और वरिष्ठ सलाहकार यूरी उशाकोव शामिल थे। एक्सपर्ट्स ने इसे रूस की मज़बूत कूटनीति बताया।

 ट्रंप ने बैठक को “बहुत उपयोगी” बताया और संकेत दिया कि आगे भी बातचीत जारी रहेगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले पुतिन मीडिया से मिले और ट्रंप से ज्यादा देर तक सवाल-जवाब किए।

ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर युद्धविराम पर ठोस कदम नहीं उठे, तो वे रूस पर और उन देशों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं जो उसका तेल खरीद रहे हैं।

 पुतिन ने अमेरिकी चुनावों में “मेल-इन वोटिंग” को धांधली(Trump Putin Meeting) की जड़ बताया, जिस पर ट्रंप ने मीडिया से खुलकर चर्चा की।

विश्लेषकों का मानना है कि इस समिट से युद्धविराम की उम्मीद पूरी नहीं हुई, लेकिन आगे त्रिपक्षीय बैठक की संभावना बनी है जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की भी शामिल हो सकते हैं।

ट्रंप ने संकेत दिया कि आने वाले समय में मॉस्को में अगली बैठक हो सकती है और इसमें वे खुद शामिल होंगे।

क्यों है यह मुलाकात अहम?

यह बैठक सिर्फ रूस–अमेरिका नहीं बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए निर्णायक मानी जा रही है। एक तरफ अमेरिका की कोशिश है कि वह युद्धविराम के लिए रूस को दबाव में लाए, वहीं पुतिन अपने रणनीतिक फायदे के साथ बातचीत टेबल पर पहुंचे। यही वजह रही कि एक्सपर्ट्स ने इस मुलाकात को “पुतिन की जीत” करार दिया।

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