भारत के प्रथम राष्ट्रपति की जयंती पर श्रद्धांजली, शीतकालीन सत्र पर स्पीकर ने दिया ये जवाब….
रायपुर/नवप्रदेश। CG Vidhansabha : छत्तीसगढ़ विधान सभा अध्यक्ष डाॅ.चरणदास महंत ने भारत के शुक्रवार को प्रथम राष्ट्रपति डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर विधान सभा परिसर स्थित सेन्ट्रल हाॅल में प्रतिष्ठापित उनके तैलचित्र पर आज श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर विधायक सत्यनारायण शर्मा, विधान सभा के प्रमुख सचिव चन्द्र शेखर गंगराडे़, विधान सभा सचिव दिनेश शर्मा एवं विधान सभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की ।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने डाॅ. चरणदास महंत (CG Vidhansabha) ने कहा कि डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद देश में प्रथम राष्ट्रपति एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे सादा जीवन उच्च विचार के पोषक तथा त्याग की प्रतिमूर्ति थे। डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद ने असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोडो आंदोलन में भाग लिया। उन्होने भारत के संविधान के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। स्वतंत्रता संग्राम एवं देश के प्रति योगदान के कारण डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत के सर्वोच्च सम्मान ’’भारत रत्न’’ से सम्मानित किया गया । उन्होने कहा कि-हम सब उनके बताये मार्ग का अनुसरण करें यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
शीत सत्र में अब तक लगे 750 प्रश्न
छत्तीसगढ़ विधानसभा (CG Vidhansabha) का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर से 17 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान कोरोना के दोनों डोज लेने वालों को ही प्रवेश दिया जायेगा। अब तक विधायकों की ओर से 750 से अधिक प्रश्न लगाये गए हैं। इसके अलावा ध्यानाकर्षण और स्थगन प्रस्ताव आने की संभावना है।
स्पीकर डॉ.चरणदास महंत शुक्रवार को डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद जयंती अवसर पर मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अब तक लगाए गए प्रश्नों की संख्या पर्याप्त है। लोकतंत्र हमारा परम उद्देश्य है, इसलिए पूरी कोशिश रहेगी कि छत्तीसगढ़ के हित, उन्नति और विकास के लिए जितने विधायक अपनी-अपनी बात रखेंगे इसके लिए उन्हें पर्याप्त समय दिया जाएगा।
देर आये-दुरुस्त आये – डॉ.महंत
पांच दिवसीय सत्र पर स्पीकर डॉ. महंत की माने तो कोरोना संकट के कारण कई दिक्क़ते आ रही है। लोकसभा भी कई कारणों से नहीं चल पा रहा है। मंडी संसोधन बिल पर राज्यपाल से हुई चर्चा पर बोलने से दरकिनार कर दिया। वहीं लोकसभा और राज्यसभा में तीन कृषि बिल की वापसी पर उन्होंने कहा की देश के किसानों के सामने प्रधानमंत्री झुके और उनसे माफ़ी मांगी, उसके लिए हम पीएम को बधाई देते हैं।