Tribal Day 2021:आज विश्व आदिवासी दिवस, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं….
रायपुर/नवप्रदेश। Tribal Day 2021:विश्व आदिवासी दिवस आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए आज ही के दिन यानी 9 अगस्त को प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। पुरे विश्व में इस दिन इस दिवस को मनाने के लिए सबसे पहली बार शुरुआत सयुंक्त राज्य अमेरिका में 1994 में मनाया गया था।
पुरे विश्व में इस दिन एक साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार 1994 को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी वर्ष घोषित किया था। दुनियाभर में आदिवासी समुदाय की जनसंख्या लगभग 37 करोड़ है, जिसमें लगभग 5000 अलग–अलग आदिवासी समुदाय है और इनकी लगभग 7 हजार भाषाएं हैं।
विश्व आदिवासी दिवस 2021 की थीम है “किसी को पीछे नहीं छोड़ना: स्वदेशी लोग और एक नए सामाजिक अनुबंध का आह्वान”।
राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने विश्व आदिवासी दिवस (Tribal Day 2021) के अवसर पर देश और प्रदेश के आदिवासी समाज एवं समस्त नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ देश के उन प्रदेशों में शामिल है, जहां पर करीब 32 प्रतिशत आदिवासी निवासरत हैं, जो अनेकों परम्पराओं को संजोए हुए हैं। इनकी संस्कृति और परम्पराएं अनूठी है। आदिवासी समाज ने नदी, नाले, तालाबों, झरनों, पर्वतों, शिखरों, गुफा, कंदराओं, लता, वृक्ष, पशु-पक्षी में भी देवशक्तियों को अवतरित कर उनके प्रति आदर भाव प्रदर्शित किया है। ऐसे भावों के कारण ही आदिवासी समाज सहज रूप से समृद्ध हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के लोग सदैव प्राचीन समय से संस्कृति-परंपराओं एवं प्रकृति के संरक्षक रहे हैं। इतिहास गवाह है कि समय आने पर वे देश की रक्षा के लिए आक्रमणकारियों के खिलाफ उठ खड़े हुए और बलिदान भी दिया। इस समाज में बिरसा मुण्डा, वीर नारायण सिंह, गुंडाधुर, रानी दुर्गावती, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, बादल भोई, टंटया भील जैसे महान लोग अवतरित हुए हैं, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति दे दी। इस अवसर पर मैं उन्हें नमन करती हूं।
मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (Tribal Day 2021) पर प्रदेशवासियों विशेषकर आदिवासी समाज के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनजातियों की प्राचीन कला और संस्कृति छत्तीसगढ़ की अनमोल धरोहर है। राज्य सरकार आदिवासियों की प्राचीनतम परंपरा, संस्कृति और जीवन मूल्यों को सहेजते हुए उनके विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सीएम बघेल ने कहा कि जनजातियों के विकास और हित को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने बीते ढाई साल में कई अहम फैसले लिये हैं। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन की वापसी, जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा, जिला खनिज न्यास के पैसों से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार, बस्तर और सरगुजा में कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना, हाट बाजारों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने जैसे कई प्रयास आदिवासी समाज की बेहतरी के लिए किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विश्व आदिवासी दिवस पर सामान्य अवकाश घोषित किया हैै। प्रदेश में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन राजधानी रायपुर में किया गया। देवगुड़ी और घोटुल के विकास और सौंदर्यीकरण की पहल की जा रही है। इससे सभी लोगों को आदिवासी समाज की परंपरा, संस्कृति और उनके उच्च जीवन मूल्यों को समझने का अवसर मिला है।
स्पीकर डॉ.महंत आदिवासी पुरोधाओं को किया नमन
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने आदिवासी पुरोधाओं को नमन करते हुए सभी प्रदेशवासियों को विश्व आदिवासी दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि, पुरे विश्व में आदिवासी जनजाति को बढ़ावा देने और उनको प्रोत्साहित करने के लिए और उनको सम्मान देने के लिए पूरे विश्व में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता हैं। डॉ महंत ने कहा कि, दुनिया भर में रहने वाली पूरी आबादी के मौलिक अधिकारों और उनके सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक संरक्षण का विपणन करने के लिए मनाया जाता है। विश्व आदिवासी दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है।