Toolkit Case : सुप्रीम कोर्ट से रमन सिंह और संबित पात्रा को राहत
नई दिल्ली/रायपुर/नवप्रदेश। टूलकिट मामले (Toolkit Case) में छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका खारिज कर दी है। वहीं रमन सिंह और संबित पात्रा को राहत देते हुए हाईकोर्ट के स्टे को यथावत रखा है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ जांच पर रोक लगाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को यथावत रखने का आदेश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से फर्जी टूलकिट मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा नेता संबित पात्रा की याचिका पर जल्द फैसला लेने का अनुरोध भी किया है।
इस मामले पर न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को इस मामले का फैसला करने दें। राज्य के पास अंतिम फैसले को चुनौती देने का अवसर होगा। वहीं न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि टूलकिट मुद्दे से संबंधित कई मामले अलग-अलग हाई कोर्ट में पड़े हैं इसलिए मौजूदा मामलों को अलग-अलग ट्रीट नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा कि यहां अपनी एनर्जी बरबाद मत करें। हम विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। हम SLP को खारिज करते हैं।
हाईकोर्ट के फ़ैसले के विरोध में राज्य सरकार ने आदेश (Toolkit Case) को चुनौती देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और श्रीकृष्णा रेड्डी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में एफआईआर को राजनीति से प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण बताया और सरकार के लिए यह बताने के लिए कोई मौका नहीं दिया कि प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई थी।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 11 जून 2021 को दो अलग-अलग आदेश पारित कर रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ दर्ज एक FIR में अंतरिम राहत प्रदान की थी। इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा था कि इस मामले से आम लोगों के बीच कोई शांति भंग नहीं हुई बल्कि यह दो पार्टियों के बीच एक शुद्ध राजनीतिक मामला है।
19 मई 2021 को, एनएसयूआई छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष आकाश शर्मा की शिकायत (Toolkit Case) के आधार पर एक FIR दर्ज की गई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि रमन सिंह, संबित पात्रा और कुछ अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मनगढ़ंत सामग्री प्रसारित की थी। आरोप के मुताबिक उन्होंने कांग्रेस का एक नकली लेटरहेड पार्टी की तरफ से विकसित टूलकिट के रूप में पेश किया था।
मामले में डॉ. रमन सिंह और संबित पात्रा ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं। प्रकरण में दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास ने 14 जून 2021 को टूलकिट मामले में रमन सिंह और संबित पात्रा को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज FIR और आगे की जांच-पड़ताल पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी थी।