Too Much Mask in India : बहुत ज्यादा बन गए मास्क, उद्योग बोला- हमें दे दो इन्हें... |

Too Much Mask in India : बहुत ज्यादा बन गए मास्क, उद्योग बोला- हमें दे दो इन्हें…

नई दिल्ली/ए.। मास्क (too much mask in india) के उत्पादन को देश में कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही बढ़ा दिया गया था। लेकिन अब मास्क का इतना उत्पादन हो चुका है कि इस उद्योग ने सरकार से एक्सट्रा के मास्क के निर्यात (export) की अनुमति (permission) मांगी है।

देश के चिकित्सा उपकरण उद्योग (indian surgical industries) ने सरकार से अधिशेष उत्पादन के निर्यात की अनुमति (permission) देने का आग्रह किया है। उद्योग का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह गैर-एन95 मास्क के निर्यात (export) पर लगी रोक को हटा दे। इससे निर्माताओं को अपना स्टॉक निकालने में मदद मिलेगी और इससे उत्पादन भी फिर से से शुरू हो सकेगा। 

मार्च से लगा है निर्यात पर प्रतिबंध

उल्लेखनीय है कि कोरोना कोविड-19 महामारी फैलने के साथ ही सरकार ने मार्च महीने में सभी तरह के मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका उद्देश्य देश में मास्क की किसी प्रकार की कमी उत्पन्न होने की स्थिति को रोकना था। पिछले महीने सरकार ने चिकित्सा और सर्जरी में इस्तेमाल ने होने वाले मास्क के निर्यात की मंजूरी दे दी थी। इनमें सूती, रेशमी, ऊनी और बुनाई वाले मास्क शामिल हैं। लेकिन चिकित्सा और सर्जरी से इस्तेमाल होने वाले मास्क के निर्यात पर बैन अब भी जारी है।

पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रहे निर्माता

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के विभिन्न उपायों में मास्क का इस्तेमाल भी अहम माना जाता है। लिहाजा देश में इसका पिछले करीब ती माह में खूब उत्पादन हुआ। उद्योग का कहना है कि कोरोना कोविड-19 महामारी फैलने के बाद देश में मास्क का उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है। आज देश में अधिशेष उत्पादन की स्थिति बन गई है। इसके कारण मास्क निर्माता कंपनियां अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रही है।

सरकार को पत्र में ये लिखा

ऐसे में देश के चिकित्सा उपकरण उद्योग (indian surgical industries) ने सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि एन95 को छोड़कर सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले तीन-परत वाले मास्क के निर्यात की अनुमति दी जाए। क्योंकि इसका उनके पास अतिरिक्त भंडार है।

घरेलू आपूर्ति आसानी से सुनिश्चित करने की दलील

उद्योग ने यह दलील भी रखी है कि निर्माताओं की इतनी क्षमता है कि वे घरेलू जरूरत को आसानी से पूरा कर सकते हैं। पत्र में कहा गया है कि इस अतिरिक्त भंडार की वजह से निर्मातओं ने पिछले 15-20 दिन से उत्पादन या तो पूरी तरह रोक दिया है और या उसे धीमा कर दिया है।

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