Tomb Of Sand : विश्व साहित्य के मंच पर भारत का बोलबाला, 'Tomb of Sand' को मिला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, जानिए कौन हैं इसकी लेखिका

Tomb Of Sand : विश्व साहित्य के मंच पर भारत का बोलबाला, ‘Tomb of Sand’ को मिला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, जानिए कौन हैं इसकी लेखिका

Tomb Of Sand,

मुंबई, नवप्रदेश। विश्व साहित्य के मंच पर हिंदी उपन्यास ने अपना झंडा (Tomb Of Sand) गाड़ दिया है। हिंदी लेखिका गीतांजली श्री के उपन्यास “टॉम्ब ऑफ सैंड” को वर्ष 2022 का अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला है।

अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतनेवाली यह किताब किसी भी भारतीय भाषा की पहली किताब (Tomb Of Sand) बन गई है। जिसको लेकर भारत ने आज साबित कर दिया है कि भारत में कितनी प्रतिभा है। इससे पहले कांस में भारती की धूम तो सबको पता ही है।

गीतांजलि अब तक कई कथा संग्रह और तीन उपन्यास (Tomb Of Sand) लिख चुकी हैं। वे मूलत: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की रहनेवाली हैं। गीतांजलि की कृतियों का अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है।

गीतांजलि की उम्र 64 साल है और वो दिल्ली में रहती हैं। गीतांजलि ने उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद भी किया है।

गीतांजलि श्री को बुकर पुरस्कार के तहत कुल 50 हजार पाउंड की राशि मिलेगी। यह राशि गीतांजलि और इस किताब के अंग्रेजी अनुवादक के बीच शेयर की जाएगी। इस किताब की अनुवादक डेजी रॉकवेल अमेरिका के वारमेंट की रहनेवाली हैं।

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