नई संसद की संविधान की प्रति में 'समाजवादी', 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द नहीं हैं: अधीर रंजन चौधरी

नई संसद की संविधान की प्रति में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द नहीं हैं: अधीर रंजन चौधरी

There are no words 'socialist', 'secular' in the copy of the Constitution of the new Parliament: Adhir Ranjan Chaudhary

Adhir Ranjan Chaudhary

-नए भवन में प्रवेश करने पर संविधान की प्रतियां बांटी गई

नई दिल्ली। Adhir Ranjan Chaudhary: नई संसद में कल से विशेष सत्र शुरू हो गया है। नए संसद भवन में प्रवेश करते समय सभी को संविधान की प्रतियां दी गईं। अब इस पर नया विवाद शुरू हो गया है। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया है कि संविधान की नई प्रति की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द मौजूद नहीं हैं।

सांसद अधीर चौधरी ने कहा कि कल संविधान की नई प्रतियां दी गई। इसकी प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हैं। वे जानते हैं कि ये शब्द 1976 में संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन अगर आज कोई हमें संविधान देता है और उसमें ये शब्द नहीं हैं।

चौधरी ने यह भी कहा कि उनकी मंशा संदिग्ध है। यह बहुत ही चतुराई से किया गया है। यही चिंता की बात है। चौधरी ने यह भी कहा, मैंने इस मुद्दे पर संसद में बोलने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे बोलने का मौका नहीं दिया। संसद की नई इमारत ने मंगलवार को पहली बार अपने दरवाजे खोले।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विभिन्न दलों के सांसदों ने नए संसद भवन में प्रवेश किया और संसद की कार्यवाही भी नए संसद भवन में आयोजित की गई। शाह ने यह भी कहा कि अधीर रंजन चौधरी को अपने शब्द वापस लेने चाहिए। इससे लोकसभा में कुछ देर के लिए हंगामा हुआ। चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने उपसभापति की अनुपस्थिति को लेकर भी सवाल उठाया।

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