2030 तक स्कूलों में 100 फीसदी सकल नामांकन का लक्ष्य, NCERT की है अहम भूमिका
नई दिल्ली। NCERT : देशभर में अगले 9 वर्षों के दौरान शत प्रतिशत बच्चों का स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित कराने का लक्ष्य है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यह लक्ष्य निर्धारित किया है। बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा की वर्ष 2030 तक स्कूलों में 100 फीसदी सकल नामांकन का लक्ष्य है।
इस लक्ष्य को हासिल करने में एनसीईआरटी की भी अहम भूमिका है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को एनसीईआरटी के 61 वें स्थापना दिवस के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी देशभर में 97 लाख अध्यापकों, 26 करोड़ छात्रों और 15 लाख विद्यालयों के साथ बेहतरीन समन्वय कर रहा है। इस दौरान एनसीईआरटी ने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम को भी महत्वपूर्ण दिशा दी है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति (NCERT) भारतीय मूल्यों पर आधारित है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हमने वर्ष 2030 तक स्कूलों में शत प्रतिशत सकल नामांकन का लक्ष्य रखा है। स्कूलों में 5 जमा 3 जमा 3 जमा 4 का नया सिस्टम लागू किया गया है। इसके तहत छात्रों को चार विभिन्न वर्गों में बांटा में बांटा गया है।
पहले वर्ग (5) में 3 से 6 वर्ष वर्ष की आयु के छात्र होंगे जिन्हें प्री प्राइमरी या प्ले स्कूल से लेकर कक्षा दो तक की शिक्षा दी जाएगी। इसके बाद कक्षा 2- 5 तक का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। उसके उपरांत कक्षा 5 से 8 और फिर अंत में 4 वर्षों के लिए 9 से लेकर 12वीं तक के छात्रों को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक कार्यक्रम बनाया गया है।
ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए और सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित की गई है। विभिन्न उपायों के माध्यम से वर्ष 2030 तक समस्त स्कूली शिक्षा के लिए 100 सकल नामांकन अनुपात प्राप्त करना लक्षित किया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक कोई भी बच्चा जन्म या पृष्ठभूमि की परिस्थितियों के कारण सीखने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के किसी भी अवसर से वंचित न रहें। सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों पर विशेष जोर दिया जाएगा। वंचित क्षेत्रों के लिए विशेष शिक्षा क्षेत्र और अलग से लिंग समावेश निधि की स्थापना की जा रही।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक स्कूली शिक्षा (NCERT) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव हुए हैं और एनसीईआरटी की भूमिका इसमें काफी महत्वपूर्ण रही है, एनसीईआरटी ने कोरोना के कठिन समय में स्कूलों के लिए वैकल्पिक कैलेंडर उपलब्ध कराया मुझे उम्मीद है कि अब एनसीईआरटी अपने पुराने कार्य में विस्तार करेगी साथ ही स्कूली शिक्षा के लिए नए प्रयास भी किए जाएंगे।