संपादकीय: धान खरीदी केन्द्रो की व्यवस्था में सुधार हो

संपादकीय: धान खरीदी केन्द्रो की व्यवस्था में सुधार हो

The system of paddy procurement centers should be improved

The system of paddy procurement centers should be improved

The system of paddy procurement centers should be improved: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर 14 नवंबर से धान खरीदी का निर्णय लिया गया है। यह धान खरीदी 31 जनवरी तक चलेगी।

राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक पूर्व की भांति इस साल भी पंजीकृत किसान धान विक्रय के लिए अग्रिम टोकन प्राप्त कर सकते है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर प्रदेश के प्रति जिला कलेक्टरों ने धान उनपार्जन केन्द्रो के प्रभारियों की बैठक लेकर उन्हें धान खरीदी की प्रक्रियाओं की जानकारी दी है।

धान उपार्जन के संबंध में प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन हो रहा है। सभी धान उपार्जन केन्द्रो में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। किसानों के लिए विश्राम और पेयजल की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है।

पूर्व के अनुभव बताते है कि धान खरीदी केन्द्रो में अव्यवस्था के कारण किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता रहा है। इस बार उम्मीद है कि किसानों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।

किन्तु प्रदेश की सहकारी समीतियों और सहकारी बैंको में कर्मचारियों की भारी कमी है। कई सहकारी समीतियां तो एकमात्र प्रभारी के भरोसे ही चल रही है। ऐसी स्थिति में धान खरीदी केन्द्रों में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

धान खरीदी की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके इसके लिए यह आवश्यक है कि सेवा सहकारी समीतियों तथा जिला सहकारी बैंको और उनकी शाखाओं में तत्काल प्रभाव से कर्मचारियों की कमी दूर की जाए।

ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में सुगमता हो और उसका भुगतान भी उन्हें जल्द से जल्द हो पाए। प्रदेश के अधिकांश जिला सहकारी बैंको में निर्वाचित अध्यक्ष के न होने के कारण बैंको का काम-काज प्रभावित हो रहा है।

वहां कर्मचारियों की नई नियुक्ति भी अधर में लटकी हुई है। किसानों की सुविधा को मद्देनजर रखकर राज्य सरकार को चाहिए कि जब तक सहकारी बैंको के चुनाव नहीं हो जाते

तब तक वहां किसी अनुभवी जनप्रतिनिधी को अध्यक्ष के रूप में मानोनित करें ताकि जिला सहकारी बैंको और उसकी शाखाओं का काम-काज सुचारू रूप से चल सके।

और किसानेां को भुगतान संबंधित कोई परेशानी न उठानी पड़े। उम्मीद की जानी चाहिए की किसानों के हित को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार इस दिशा में जल्द से जल्द उचित निर्णय लेगी। ताकि इस वर्ष किसानों को अपने धान का भुगतान सरलतापूर्वक प्राप्त हो सके।

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