छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत ‘सुप्रजा’ कार्यक्रम से मातृ-शिशु स्वास्थ्य में हो रहा सुधार

The 'Supraja' program under the National Ayush Mission in Chhattisgarh is improving maternal and child health.

CG Supraja program

-40 संस्थाओं में लगभग 7,781 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया है तथा 9,890 गर्भसंस्कार सत्र सफलतापूर्वक संपन्न

रायपुर/नवप्रदेश। CG Supraja program: भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत वर्ष 2023-25 में संचालनालय आयुष छत्तीसगढ़ द्वारा संचालित ‘सुप्रजा’ कार्यक्रम मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की समग्र देखभाल, पोषण, सुरक्षा और स्वास्थ्य संवर्धन को ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है।

राज्य के विभिन्न जिलों की कुल 40 आयुष स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप प्रशिक्षण देते हुए नियमित सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की प्रतिमाह जांच, नवजात शिशुओं के विकास परीक्षण, तथा गर्भवती महिलाओं को शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से स्वस्थ रखने हेतु आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

सुप्रजा कार्यक्रम के तहत उत्तम एवं स्वस्थ संतान प्राप्ति के उद्देश्य से गर्भवती महिलाओं के लिए नियमित गर्भसंस्कार सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ माहवार आहार-विहार सलाह प्रदान कर रहे हैं, वहीं योग प्रशिक्षक और आयुर्वेद चिकित्सक गर्भावस्था में उपयोगी योगासन भी सिखा रहे हैं। अधिक से अधिक महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए सभी आयुष संस्थानों में नियमित योग सत्र संचालित हो रहे हैं।

गर्भवती महिलाओं को आयुर्वेद आधारित औषधियां नि:शुल्क प्रदान की जा रही हैं। कार्यक्रम के माध्यम से गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं में कमी दर्ज की गई है। वहीं प्रसव उपरांत जननी और नवजात शिशु का छह माह तक चिकित्सकीय फॉलो-अप किया जा रहा है तथा माताओं को स्तनपान के महत्व के बारे में परामर्श दिया जा रहा है। अब तक सुप्रजा कार्यक्रम से जुड़ी 40 संस्थाओं में लगभग 7,781 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया है तथा 9,890 गर्भसंस्कार सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं। यह आंकड़े कार्यक्रम की सफलता और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सुधार में इसकी प्रभावी भूमिका को दर्शाते हैं।