संपादकीय: बिहार में बंपर वोटिंग के मायने

The significance of bumper voting in Bihar

The significance of bumper voting in Bihar

Editorial: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हो गया। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान हिंसक घटनाओं की आशंका थी और चुनाव प्रचार के दौरान जनसुराज पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या होने के बाद मतदान के बाद ही अप्रिय स्थिति निर्मित होने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन चुनाव आयोग ने मतदान के दिन सुरक्षा के चाक चौबंध इंतेजाम कराये थे। नतीजतन पहले चरण का मतदान अपेक्षाकृत शाांति से हो गया। इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले पहले चरण के मतदान में 65 प्रतिशत मतदान हुआ।

इस बंपर वोटिंग के मायने तलाशे जा रहे हैं और राजनीतिक दलों के नेता इसे लेकर अपनी अपनी ढफली पर अपना अपना राग अलाप रहे हैं। बिहार के 18 जिलों में जिन 121 सीटों पर पहले चरण का मतदान हुआ है। उसमें पिछले चुनाव में महागठबंधन को ज्यादा सीटें मिली थी। किन्तु इस बार पिछले चुनाव की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा मतदान होने से एनडीए में हर्ष की लहर दौड़ गई है। उनका कहना है कि यह बंपर वोटिंग एनडीए के पक्ष में हुई है।

क्योंकि इन सभी सीटों पर महिला मतदाताओं ने बढ़चढ़कर वोटिंग की है और महिलाओं के वोट एनडीए के ही पक्ष में गये हैं क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले ही महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना लागू की थी जिसके तहत जरूरतमंद महिलाओं के खाते में दस-दस हजार रूपये डाले गये थे। यही वजह है कि महिलाओं ने एनडीए के पक्ष में मतदान किया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तो यहां तक दावा किया है कि पहले चरण की 121 सीटों में से एनडीए को सौ सीटें मिलने जा रही हैं और तेजस्वी यादव खुद अपनी राघोपुर विधानसभा सीट से चुनाव हारने जा रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के नेता इस बंपर वोटिंग को परिवर्तन की आंधी करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि लगातार 20 साल से नीतीश कुमार का शासन देखकर अब बिहार की जनता ने सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है। इसलिए पहले चरण के मदतान में बिहार में पहली बार इतनी ज्यादा वोटिंग हुई है। वैसे भी मतदान के प्रतिशत में ज्यादा बढ़ौत्तरी सत्ता परिवर्तन की ही सूचक मानी जाती है लेकिन कभी कभी इसके उलट भी हो जाता है। मतदान पहले चरण के मतदान के दिन ही राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने ट्विटर पर यह पोस्ट डाली थी कि रोटी को बार बार बदलना जरूरी होता है। अन्यथा रोटी जल जाती है। बहरहाल यह तो बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों से ही पता चलेगा कि यह बंपर वोटिंग किसके पक्ष में हुई है।

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