जंगी प्रदर्शन का परिणाम, मृत शिक्षाकर्मियों के परिजनों की अनुकंपा नियुक्ति का रास्ता साफ

जंगी प्रदर्शन का परिणाम, मृत शिक्षाकर्मियों के परिजनों की अनुकंपा नियुक्ति का रास्ता साफ

The result of the war demonstration paved the way for the compassionate appointment of the relatives of the deceased education workers.

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Compassionate Appointment : सभी DEO से चार बिंदुओं में मांगी जानकारी

रायपुर/नवप्रदेश। Compassionate Appointment : लंबे समय से अनशन कर रहे मृत शिक्षाकर्मियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए राहत भरी खबर आई है। CM भूपेश बघेल के निर्देश के बाद अब इस पर कार्यरूप में परिणति शूरू हो गया है। उन्हें इस बात की खुशी है कि अब उनके अपनों के निधन के बाद परिवार के किसी न किसी सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। इसके लिए सभी जिला शिक्षाधिकारियों से अनुकंपा नियुक्ति के लिए चार बिंदुओं में जानकारी मांगी गई है।

बता दें कि दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारीयों को पत्र जारी किया गया है। जिला शिक्षाधिकारियों से 4 अलग-अलग बिंदुओं में जानकारी मांगा गया है। वहीं, जिलेवार शिक्षाकर्मियों के भरे व रिक्त कितने पद स्वीकृत हैं इसकी भी की जानकारी मांगी गई।

कितने दिवंगत शिक्षाकर्मियों (Compassionate Appointment) के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए पात्र पाया गया है। कितने शिक्षाकर्मियों का संविलियन होना अभी बाकी है। जिलेवार अनुकंपा नियुक्ति के लिए शिक्षाकर्मियों के कितने पद भरे और रिक्त स्वीकृत हैं। इन सभी मुद्दों पर शासन ने जानकारी मांगी है। जिसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय से सभी जिला अधिकारियों को पत्र भी जारी हुआ।

बता दें कि दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों द्वारा कई बार जंगी प्रदर्शन किया। जिसका मीडिया ने बेहतर कवरेज दिया। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय कमेटी गठित किया था। जिनको एक माह के अंदर सेवा शर्तें नियम कानून बनाकर पेश करना था। जिसे जल्द ही सीए हाउस में पेश किया जाएगा। वहीं से इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में लोक शिक्षण संचालनालय से सभी जिला अधिकारियों को पत्र जारी हुआ है।

आपको बता दें कि मृतक शिक्षाकर्मियों के आश्रितों (Compassionate Appointment) को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए परिजनों ने लंबी लड़ाई लड़ी है। इसके लिए उन्होंने कई बार जंगी प्रदर्शन भी किया। पैदल चले, सफेद कपड़ों में धरना प्रदर्शन दिया, स्वजन ने शासकीय दफ्तरों के चक्कर लगाए, चिलचिलाती धूप में छोटे बच्चों को लेकर तक धरने पर बैठे रहे। यहां तक ​​कि मृतक शिक्षाकर्मियों की विधवाओं ने भी कफन ओढ़कर प्रदर्शन किया। निसंदेह अब उनके लिए ये अच्छी खबर है।

The result of the war demonstration paved the way for the compassionate appointment of the relatives of the deceased education workers.

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