50% तक बढ़ सकती है जरूरी दवाओं की कीमत, इसमें कैंसर, अस्थमा, दर्द निवारक, एंटीबायोटिक्स सहित 800 दवाएं शामिल…
-अब जरूरी दवाओं के दाम बढ़ाए जाएंगे, देखें कि कौन सी दवाएं कवर की गई हैं।
नई दिल्ली। Medicine Prices increase: राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने आठ दवाओं के 11 फॉर्मूलेशन की कीमत में 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। एनपीपीएच का कहना है कि इसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए दवाओं तक स्थायी पहुंच प्रदान करना है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2019 के पैरा 19 के तहत हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। ताकि लोगों को बाजार में किफायती दाम पर जरूरी दवाएं मिल सकें। दवा कंपनियों की ओर से कीमत बढ़ाने की मांग कई दिनों से चल रही थी।
दवा कंपनियों का कहना है कि दवा उत्पादन की लागत बढ़ गई है। दवा के लिए जरूरी कई सामग्रियों की कीमत बढ़ गयी है। बताया जा रहा है कि इसी वजह से दवाओं की कीमत (Medicine Prices increase) में बढ़ोतरी की गई है। इनमें अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, तपेदिक और मानसिक स्वास्थ्य के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं।
इन दवाओं के बढ़ेंगे दाम!
जिन दवाओं की कीमतें बढ़ेंगी उनमें बेंजि़ल पेनिसिलिन 10 लाख आईयू इंजेक्शन, एट्रोपिन इंजेक्शन 0.6 मिलीग्राम/एमएल, इंजेक्शन के लिए स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर (750 मिलीग्राम और 1000 मिलीग्राम), साल्बुटामोल टैबलेट (2 मिलीग्राम और 4 मिलीग्राम) और रेस्पिरेटर सॉल्यूशन (5 मिलीग्राम/एमएल) शामिल हैं। जिसमें पाइलोकार्पिन 2 प्रतिशत ड्रॉप, सेफैड्रोक्सिल 500 मिलीग्राम, इंजेक्शन के लिए डेस्फेरोक्सामाइन 500 मिलीग्राम और लिथियम टैबलेट 300 मिलीग्राम शामिल हैं। इससे पहले 2019 और 2021 में दवाओं की कीमत में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी।
आवश्यक औषधियाँ क्या हैं?
इस सूची में वे दवाएं शामिल हैं जिनका उपयोग अधिकांश लोग करते हैं। इन दवाओं की कीमतें सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। कंपनी इन दवाओं की कीमत एक साल में सिर्फ 10 फीसदी तक ही बढ़ा सकती है। इस सूची में कैंसर रोधी दवाएं भी शामिल हैं।
दर्द निवारक दवाओं के दाम भी बढ़ गए
1 अप्रैल से 800 दवाओं के दाम बढ़ गए हैं। दवाओं की इस सूची में दर्द निवारक, एंटीबायोटिक्स और संक्रमण-रोधी दवाएं शामिल थीं। आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) के तहत दवाओं की कीमतों में 2022 और पिछले साल क्रमश: रिकॉर्ड 12 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।