नई दिल्ली। Indian Navy submarines: केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए एक अहम फैसला लिया। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने ‘प्रोजेक्ट 75-इंडिया’ के तहत छह पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दी है। इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह प्रोजेक्ट काफी समय से अटका हुआ था। लेकिन अब यह रफ्तार पकड़ रहा है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक में नौसेना (Indian Navy submarines) के लिए छह पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है। खास बात यह है कि इन पनडुब्बियों को पूरी तरह से स्वदेशी बनाया जाएगा और मुंबई के मझगांव डॉक पर बनाया जाएगा। पनडुब्बी का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड और एलएंडटी कंपनी को आउटसोर्स किया गया है।
परियोजना वास्तव में क्या है?
भारतीय नौसेना ने समुद्र की ताकत बढ़ाने के लिए 75-आई परियोजना शुरू की है। इसमें 6 शक्तिशाली पनडुब्बियां होंगी। ये सबमरीन डीजल और इलेक्ट्रिक होंगी। खास बात यह है कि ये मौजूदा स्कॉर्पियन क्लास पनडुब्बी से पांच गुना बड़ी होंगी।
इन नई पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भारतीय नौसेना की मांग के अनुसार भारी-भरकम मारक क्षमता की सुविधा होने की उम्मीद है। भारत के पास इस समय कुल 140 युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं। पाकिस्तान के पास केवल 20 युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं। हालांकि, चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत को निकट भविष्य में अपनी नौसैनिक ताकत बढ़ाने की जरूरत है।