संपादकीय: तीसरे विश्वयुद्ध का मंडराता खतरा
 
                The looming threat of World War III
Editorial: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो सालों से जंग जारी है और इसके खत्म होने के दूर-दूर तक कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। खुद को सीजफायर स्पेशलिस्ट बताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम कराने की कोशिश की जो असफल रही। इसी तरह इजरायल और हमास के बीच जंग भी पिछले दो साल से जारी है और इजरायल के हमले में अब तक 65 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
इन दोनों के बीच भी डोनाल्ड ट्रंप ने समझौता कराया और संघर्ष विराम हो गया किन्तु इजरायल ने इस सीजफायर का उल्लंघन कर एक बार फिर गाजापट्टी में बमबारी कर दी है जिससे 100 लोगों की मौत हो गई और ढाई सौ से अधिक लोग घायल हो गये हैं। गाजापट्टी पर बमबारी करने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने फिर से सीजफायर बहाल करने की घोषणा की है। यह कैसा सीजफायर है जो कभी भी तोड़ा जा सकता है और फिर से लागू किया जाता है।
इसी तरह पाकिस्तान में अफगानिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक करके दोनों देशों के बीच जंग के हालात निर्मित कर दिये हैं हालांकि मुस्लिम देशों के दबाव में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के भी सीजफायर की घोषणा हो गर्ई है। लेकिन अब इस सीजफायर के भी टूटने का खतरा पैदा हो गया है। दोनों देशों के बीच शांति वार्ता कराने के लिए तुर्की और कतर ने पहल की जहां देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हुई लेकिन शांति प्रस्ताव पर दोनों ही सहमत नहीं हुए। अब तो अफगानिस्तान ने दो टूक शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दे दी है कि यदि उसने अफगानिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्यवाही करने का दुस्साहस दिखाया तो अफगानिस्तान मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
दरअसल अफगानिस्तान और भारत के बीच रिश्तों में सुधार आने से पाकिस्तान खीजा हुआ है और उसने अफगानिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है ऐसे में दोनों देशों के बीच कभी भी जंग की नौबत आ सकती है। कुल मिलाकर दुनिया में तीन जगह युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं और इसे लेकर दुनिया दो भागों में बंटती जा रही है । यदि इन देशों के बीच जंग तेज होती है तो दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर पहुंच सकती है।
