'गंगाजल की सौगंध' दिलाने वाले नेता ने हाथ से तोड़ा नाता, कमल को दिया साथ |

‘गंगाजल की सौगंध’ दिलाने वाले नेता ने हाथ से तोड़ा नाता, कमल को दिया साथ

The leader who gave 'Gangajal ki Saugandh' broke ties with his hand, supported Kamal

RPN Singh Resign

RPN Singh Resign : उत्तरप्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका

नई दिल्ली। RPN Singh Resign : छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में ‘गंगाजल की सौगंध’ दिलाने वाले नेता ने मंगलवार को हाथ से नाता तोड़ ​कमल का दामन थाम लिया है।

उत्तरप्रदेश चुनाव से पहले दल बदल अभियान जारी है। इस अभियान में मंगलवार को कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह यानी रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। मंगलवार को आरपीएन सिंह ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद आरपीएन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस का नाम हटा दिया है।

आरपीएन ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह मेरे लिए एक नई शुरुआत है। उन्होंने आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए तत्पर हूं।

आरपीएन सिंह ( RPN Singh Resign )के साथ यूपी कांग्रेस प्रवक्ता शशि वालिया और प्रदेश सचिव राजेंद्र अवाना ने भी भाजपा प्रवेश किया है। भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इन तीनों कांग्रेस के नेताओं को भाजपा प्रवेश करवाया। इस दौरान यूपी के नेता सही केंद्रीय मंत्री सिंधिया और अनुराग भी मौजूद थे।

RPN ने दिलाई थी गंगाजल की सौगंध

गौरतलब है कि वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रचार में आरपीएन सिंह ने ही गंगाजल की सौगंध लेकर किसानों को कर्जमाफी का वादा किया था। जिसके बाद सिंह काफी सुर्ख़ियों में भी आये थे। वहीं पिछले कुछ दिनों से आरपीएन सिंह का कांग्रेस से मोह भंग होने की बात सामने आ रही थी। कांग्रेस ने अफवाहों को रोकने स्टार प्रचारकों की सूची में सोमवार को आरपीएन सिंह का नाम शामिल किया,ताकि उनके भाजपा में शामिल होने की अफवाह पर विराम लगाया जा सके। लेकिन कांग्रेस की कोशिश नाकाम रही और सिंह ने भाजपा प्रवेश कर लिया।

हालांकि साल 2014 और 2019 लोकसभा के चुनाव में वह क़ांग्रेस की तरफ से लड़े लेकिन दोनों बार हार का सामना करना पड़ा. वर्तमान में आरपीएन कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व झारखंड प्रदेश के प्रभारी हैं. आरपीएन के पिता स्व. सीपीएन सिंह इंदिरा गांधी सरकार में रक्षा राज्य मंत्री रहे।

कांग्रेस के सोच में आया बदलाव-आरपीएन सिंह

भाजपा की सदस्यता लेने के बाद आरपीएन सिंह ( RPN Singh Resign )ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुझे भाजपा परिवार में शामिल किया गया है। कुछ ही सालों में हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने प्राचीन संस्कृति को 21वीं सदी से जोड़कर राष्ट्र निर्माण का जो काम किया है, पूरा देश उसकी सराहना कर रहा है। आरपीएन सिंह ने कहा का, 32 सालों तक मैं एक पार्टी में रहा। ईमानदारी और लगन से मेहनत की। लेकिन जिस पार्टी में इतने साल रहा वह पार्टी अब रह नहीं गई, ना वह सोच रह गई।

अहंकार से लड़ने जिगर चाहिए- सुप्र‍िया श्रीनेत

कांग्रेस प्रवक्‍ता सुप्र‍िया श्रीनेत ने आरपीएन सिंह पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बड़ी लड़ाई में कायर लोगों का कहीं स्थान नहीं है। इसके लिए अदम्य साहस, वीरता, बहादुरी चाहिए, जो आरपीएन में नहीं थी। एक अहंकारी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बड़ा जिगर चाहिए। पूंजीवाद और हर तरह के लांछन के खिलाफ कांग्रेस ने लड़ाई जारी रखी है। सुप्रिया ने कहा कि जो जहां जा रहा है हम उन्हें अपनी ओर से उनके उज्‍जवल भविष्‍य की शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि शायद उनको समय रहते यह पता चलेगा कि शिद्दत से लड़ाई लड़ना वीरों की निशानी है।

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