नई दिल्ली। Hospitality Industry आतिथ्य उद्योग निकाय एफएचआरएआई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस क्षेत्र के कारोबारियों द्वारा लिए गए ऋण को स्थगित करने पर विचार करने को कहा है। इसके साथ ही निकाय ने महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र का समर्थन करने के लिए तत्काल उपायों के हिस्से के रूप में ऋणों के पुनर्गठन के लिए एक विशेष समाधान ढांचा तैयार करने का भी आग्रह किया है।
मांगी एक वर्ष की मोहलत
वित्त मंत्री को सौंपे गए एक पत्र में फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Hospitality Industry) ने आपातकालीन ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत लिए गए ऋणों के लिए कम-से-कम एक वर्ष की मोहलत मांगी है।
एक फरवरी को संसद में पेश होगा बजट
इसके अलावा एफएचआरएआई ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों से गारंटी के साथ कार्यशील पूंजी समर्थन करने का भी अनुरोध किया है। निकाय ने महामारी से प्रभावित क्षेत्र के लिए 60,000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना को तत्काल प्रभाव से अधिसूचित करने की भी मांग की है। एफएचआरएआई ने यह मांग वित्त वर्ष 2022-23 के लिए के एक फरवरी को संसद में पेश किये जाने वाले बजट से पहले की है।
आतिथ्य उद्योग एक और लहर की मार नहीं झेल पाएगा
उद्योग की मांगों पर टिप्पणी करते हुए एफएचआरएआई (Hospitality Industry) के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा, “हम वर्तमान में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के बीच में हैं और आतिथ्य उद्योग एक और लहर की मार नहीं झेल पाएगा।” उन्होंने कहा, “नुकसान की संभावना को देखते हुए और तीसरी लहर के प्रभाव से बचने में सक्षम होने के लिए हम वित्त मंत्री से तुरंत हमारे क्षेत्र के लिए विशेष उपायों की घोषणा करने का अनुरोध करते हैं।”