प्रशांत किशोर की एंट्री से गुजरात कांग्रेस में ‘घमासन; नेताओं का कहना है…पैसा खर्च करना ‘बेकार’..
-प्रशांत किशोर की वजह से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा
-ग्रामीण इलाके कांग्रेस का गढ़, शहरी इलाकों में BJP को हराना मुश्किल
अहमदाबाद। prashant kishor: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के मुताबिक गुजरात कांग्रेस में असमंजस का माहौल है। कई पार्टी नेताओं का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस पार्टी पहले से ही मजबूत है और शहरी इलाकों में प्रशांत किशोर ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि शहरी इलाके बीजेपी का पारंपरिक गढ़ है।
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सूचित किया गया है कि इस संबंध में आगे किसी भी निर्णय में देरी नहीं की जानी चाहिए क्योंकि इससे पार्टी की रणनीति प्रभावित हो सकती है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, प्रशांत किशोर नवंबर 2022 में होने वाले गुजरात चुनाव के बजाय 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ बड़े मौके की तलाश में हैं।
इसमें गुजरात कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि प्रशांत किशोर पार्टी के लिए काम करने को लेकर गुजरात कांग्रेस से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2017 में भाजपा को बड़ा झटका दिया था और 182 सदस्यीय राज्य में दो अंकों का आंकड़ा पार नहीं किया था।
गुजरात में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा –
गुजरात कांग्रेस के एक नेता ने कहा है कि प्रशांत किशोर की वजह से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। नेता जानते हैं कि ग्रामीण इलाके कांग्रेस का गढ़ हैं और शहरी इलाकों में बीजेपी को हराना मुश्किल है। तो किशोरों को बोर्ड पर लाने के लिए इतना पैसा क्यों खर्च करें? यह उम्मीदवारों को पदोन्नति और किसी अन्य कार्य के लिए दिया जाना चाहिए।
इससे पार्टी को और फायदा होगा। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, गुजरात कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल होना चाहिए।