राज्य को नक्सल मुक्त करने की डेडलाइन फिक्स है: मुख्यमंत्री साय

राज्य को नक्सल मुक्त करने की डेडलाइन फिक्स है: मुख्यमंत्री साय

The deadline to make the state Naxal-free is fixed: Chief Minister Sai

cm vishnu deo sai

रायपुर/नवप्रदेश। cm vishnu deo sai: प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है राज्य को नक्सलमुक्त करने की डेड लाईन फिक्स हैं, उसमें बदलाव की कोई गुजाइंश नहीं, बल्कि बदलते बस्तर का नया स्वरूप आप देखेंगे। फिलहाल बस्तर जिले को नक्सल मुक्त घोषित किया हैं । सुशासन तिहार के अन्तिम चरण के अन्तिम प्रवास में सुकमा, बस्तर और कोंडागाव जिलों के समाधान शिविरों के लिए निकले मुख्यमंत्री साय के साथ नवप्रदेश के संपादक यशवंत धोटे ने लम्बी बातचीत की।

हिन्दुत्व की राजनीति, सत्ता और संगठन में आन्तरिक लोकतंत्र, नक्सल उन्मूलन की डेड लाईन, राज्य के अधोसंरचना विकास जैसे मुद्दों पर हुई बातचीत में साय ने माना कि जनादेश की कसौटी पर खरा उतरने जनता के बीच तो जाना ही होगा। सुशासन तिहार, समाधान शिविर इसी मुहिम का हिस्सा था। हमे सन्तोष है कि राज्य के सभी 33 जिलों के गांव-गांव में हमारी सरकार पंहुची और अधिकांश शिकवा शिकायतों का त्वरित निदान किया गया। प्रस्तुत है मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बातचीत के प्रमुख अंश:-

प्रश्न 1:- आप और आपका पूरा तंत्र पिछले डेढ़ महिने प्रदेश के मैदानी इलाके में जनता के बीच सक्रिय रहा। किस तरह की शिकवा, शिकायतें या मांगे आपके सामने आई ? कोई असहज से सवाल या मांग का सामना करना पड़ा हो ?
उत्तर –
पिछले डेढ़ महीने में मैं और पूरा प्रशासनिक अमला जनता के बीच सक्रिय रहा है। सुशासन त्यौहार के दौरान बहुत सारी मांगें आई हैं, जबकि शिकायतें काफी कम रही हैं। जनता ने पिछले डेढ़ साल में जन आकांक्षाओं को पूरा होते देखा है, जब सरकार जनता की बातें सुनती है और तेजी से काम करती है, तो स्वाभाविक रूप से जन आकांक्षाएं बढ़ जाती हैं। लोकतंत्र में जनता मालिक होती है और वह चाहे जो सवाल पूछे, हमें उन्हें विनम्रतापूर्वक सुनना और उनका उत्तर देना है। हम जनता के सेवक हैं और उनकी सेवा में लगे हैं, इसलिए जनता का कोई भी सवाल हमें असहज नहीं कर सकता। हम चाहते हैं कि जनता लगातार फीडबैक दे, और ऐसा हुआ भी है, हमने लगातार जनता से संवाद किया और उनकी समस्याओं का हल किया।


प्रश्न 2:- आप जब जनता से संवाद कर रहे थे, मैं देख रहा था कि किसानों की एक जैसी मांगे तीनों जगह देखने मिली। जैसे हर पंचायत में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखाओं की मांग कर रहे हैं। उन्हें अपनी उपज का दाम पाने 40 किलोमीटर जाना पड़ रहा है। क्या नौकरशाही ने इससे पहले इस पर कोई रिसर्च नहीं किया?
उत्तर – जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखाओं की मांग आ रही है और इन्हें पूरा भी किया जा रहा है। हर जगह बैंक शाखा खोलना मुमकिन नहीं है, इसलिए हमने 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र शुरू कर दिए हैं। यहां किसान आसानी से डिजिटल पेमेंट ले सकेंगे, उन्हें किसानों से जुड़ी योजनाओं और दूसरी अन्य योजनाओं का नगद भुगतान मिल जाएगा और इसके लिए उन्हें बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


प्रश्न 3:- राज्य के मैदानी क्षेत्र में डीएपी खाद की कमी को लेकर किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं, सरकार की क्या तैयारी है?
उत्तर –
प्रदेश में खरीफ फसल के लिए किसानों के मांग अनुरूप पर्याप्त मात्रा में खाद बीज का भण्डारण किया जा रहा है। डीएपी खाद की व्यवस्था के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। साथ किसानों को डीएपी खाद के विकल्प के रूप में अन्य वैकल्पिक खाद का उपयोग करने के लिए समझाइश दी जा रही है।

प्रश्न 4:- आपके हिन्दुत्व वाले बयान को लेकर राजनीतिक हल्के में काफी चर्चा हैं, आपने कहा था कि सभी आदिवासी हिन्दू हैं।
उत्तर:– मैं हमेशा कहता हूं कि सभी आदिवासी हिंदू हैं। आपने देखा ही है कि आदिवासी गौरा गौरी की पूजा करते हैं, जो शिव पार्वती हैं। यह कहना कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं, हमारी परंपरा और सांस्कृतिक जड़ों को तोडऩे की कोशिश है। मेरा नाम स्वयं विष्णु देव है, और मैं एक आदिवासी परिवार से हूं। कुछ तत्व ऐसे हैं जो समाज को तोडऩे और हमारे आदिवासी भाई बहनों को उनके देवी देवताओं से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। आप देख लीजिए कि सारंगढ़ से लेकर गुंडरदेही तक के राजाओं के घर में देवी पूजा होती है। स्वाभाविक रूप से जब सरकार अच्छा काम कर रही होती है, तो हमेशा कुछ ऐसे अराजक तत्व समाज में होते हैं जो विघ्न संतोषी होते हैं।


प्रश्न 5:- जिस बस्तर पर आज पूरे देश की निगाहें है, उसके विकास को लेकर विष्णुदेव साय का विजन क्या कहता है?
उत्तर:
– बस्तर के विकास को लेकर हमने एक स्पष्ट रोड मैप तैयार किया है। हमने कुछ महीने पहले बस्तर में समीक्षा बैठक की थी और इसमें विकास के फोकस पॉइंट तय किए थे। हमारी नीतियों में इसका प्रभाव दिखता है। नई औद्योगिक नीति में हमने बस्तर के लिए विशेष प्रावधान किया है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। हमने बस्तर के हर ब्लॉक में स्किल सेंटर आरंभ किए हैं। बस्तर में हम कनेक्टिविटी के विस्तार को लेकर काम कर रहे हैं। मार्च 2026 तक नक्सलवाद को नष्ट करने का हमारा संकल्प है, और इससे बस्तर का विकास तेजी से होगा।


प्रश्न 6:- नक्सल मुठभेड़ों के बाद सवाल उठते है कि निर्दोष ग्रामीण भी मारे जा रहे है। नक्सल संगठनों के वार्ता प्रस्ताओं को लेकर आप क्या कहते है?
उत्तर:– नक्सलियों से मुठभेड़ कर्रेगुट्टा की पहाडिय़ों जैसे घने जंगलों और रणनीतिक पोजीशन में हुई हैं। यहां कहां बस्तियां हैं। इससे ही यह साबित होता है कि कोई भी निर्दोष ग्रामीण मारा नहीं जा रहा। नक्सलियों की ओर से जो वार्ता प्रस्ताव आए हैं, हमने स्पष्ट कहा है कि गोली का जवाब गोली से और बोली का जवाब बोली से। आप अपनी बंदूकें रख दीजिए और फिर बात कीजिए, क्योंकि एक साथ टेरर और टॉक तो नहीं चल सकते।


प्रश्न 7:- पिछले एक महिने से आप पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं, आपको ऐसा नहीं लगा कि अधोसंरचना विकास के मामले में राज्य पिछड़ रहा है ?
उत्तर:- अधोसंरचना विकास के मामले में डेढ़ साल में जो काम हुए हैं और जो प्रोजेक्ट्स हमने शुरू किए हैं, वे अभूतपूर्व हैं। इस साल हमने 26 हजार करोड़ रुपए का पूंजीगत बजट रखा है, जो पिछले साल की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है। डबल इंजन की सरकार के सारे फायदे छत्तीसगढ़ को मिल रहे हैं। धनबाद-रांची एक्सप्रेस वे और विशाखापट्नम जैसे बंदरगाहों को जोड़कर छत्तीसगढ़ की औद्योगिक संभावनाओं में हमने अपार वृद्धि की है। अंदरूनी बसाहटों को भी जोडऩे पर हम पूरा ध्यान दे रहे हैं ताकि सभी ग्रामीण बसाहटें पूरी तरह से मुख्यधारा में आ जाएं। पीएमजनमन योजना में देश में बनाई जा रही आधी सड़कें छत्तीसगढ़ में हैं। 48 हजार करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश में रेलवे सुविधाओं के विस्तार का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में जो काम हो रहा है, इससे पहले कभी इतना काम नहीं हुआ था। हम एक विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

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