ओंको रिहैबिलिटेशन का उद्देश्य कैंसर पेशेंट को एक्टिव बनाना : डॉ मिताली

Dr Mitali
-तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथैरेपी और इंस्टीट्यूशन इन्नोवेशन काउंसिल
-आईआईसी की ओर से इन्नोवेटिव ऑन्कोरिहैबिलिटेशनः ओरल एंड ब्रेस्ट कैंसर में रिकवरी बढ़ाने की नवीनतम रणनीतियों पर गेस्ट लेक्चर
मुरादाबाद । mahaveer medical college moradabad: क्लिनिकल फिजियोथैरेपिस्ट, एजुकेटर, यूट्यूबर, कंटेंट क्रिएटर एवम् टाइम्स फिजियो की को-फाउंडर डॉ. मिताली यादव ने ऑन्कोरिहैबिलिटेशन को परिभाषित करते हुए कहा, ऑन्कोरिहैबिलिटेशन का उद्देश्य कैंसरग्रस्त व्यक्तियों को शारीरिक, मानसिक और क्रियात्मक रुप से एक्टिव बनाना है। ओरल और ब्रेस्ट कैंसर के पेशेंट को कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी की प्रक्रियाओं से अनेक तरह की जटिलताओं जैसे- मुंह न खुलना, थकावट, दर्द, कार्य क्षमता में कमी, मानसिक तनाव आदि का सामना करना पड़ता है, इसीलिए रिहैबिलिटेशन की शुरुआत रोग के निदान के समय से ही होनी चाहिए। डॉ. मिताली ने मुहं खुलने में कठिनाई- ट्रिज्मस पर विशेष जोर दिया।
इसके निदान के लिए उन्होंने मुंह खोलने वाले उपकरणों, मसाज, मुंह एवम् संबंधित मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग और माईऑफेशिलय रिलीज सरीखी तकनीकें स्टुडेंट्स को डेमो के जरिए समझाईं। चेहरे और गर्दन की सूजन को कम करने के लिए मैनुअल लिम्फ ड्रेनेज-एमएलडी, काइन्सियोलॉजी टेपिंग और राइट हेड-नेक पॉजिशन तकनीकों को जरूरी बताया। डॉ. मिताली तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथैरेपी और इंस्टीट्यूशन इन्नोवेशन काउंसिल- आईआईसी की ओर से इन्नोवेटिव ऑन्कोरिहैबिलिटेशनः ओरल एंड ब्रेस्ट कैंसर में रिकवरी बढ़ाने की नवीनतम रणनीतियों पर आयोजित गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं।
इससे पूर्व मुख्य वक्ता डॉ. मिताली यादव, फिजियोथैरेपी विभाग की एचओडी प्रो. शिवानी एम. कौल, टाइम्स फिजियो के डॉ. विभोर बकलीवाल, डॉ. यश गोस्वामी आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके गेस्ट लेक्चर का शुभारम्भ किया। गेस्ट लेक्चर के दौरान सवाल-जवाब का दौर भी चला। अंत में सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी दिए गए। ब्रेस्ट कैंसर पर बोलते हुए डॉ. मिताली ने पोस्ट मास्टेक्टॉमी लिम्फेडेमा प्रबंधन, कंधे की गति बहाली, स्कार टिशू मोबिलाइजेशन, शोल्डर रेंज ऑफ मोशन आदि की विस्तार से व्याख्या की। कंधे की मांसपेशियों की मजबूती के लिए उन्होंने वॉल क्लाइम्बिंग, स्टिक एक्सरसाइज़ और रेसिस्टेंस ट्रेनिंग आदि को जरूरी बताया।
लिम्फेडेमा प्रबंधन के लिए कंप्रेशन गारमेंट्स, बैंडेजिंग और प्रेशर तकनीकों का लाइव प्रदर्शन भी दिया। थकावट और दर्द प्रबंधन के लिए डॉ. यादव ने एरोबिक एक्सरसाइज, टीईएनएस और मैनुअल थैरेपी की प्रभावशीलता को स्पष्ट किया। साथ ही कैंसर रोगियों की मानसिक स्थिति में सुधार करने के लिए व्यायाम, सोशल इंटरेक्शन और पॉजिटिव माइंडसेट के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. मिताली ने कहा, कैंसर थकान एक सामान्य समस्या है। इसे एरोबिक एक्सरसाइज, पोषण और रेस्ट एक्टिविटी बैलेंस से कम किया जा सकता है।
उन्होंने कैंसर रोगियों में पाए जाने वाले कीमोथेरेपी-इंड्युसिड पेरिफैरल न्यूरोपैथी-सीआईपीएन के संतुलन के लिए सेन्सरी मोटर ट्रेनिंग, न्यूरोमस्कुलर स्टिमुलेशन और संतुलित व्यायाम को प्रभावी उपाया बताया। गुणवत्ता युक्त जीवन-क्यूओएल की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए बोलीं, नियमित व्यायाम से मानसिक स्थिति, आत्मविश्वास, सामाजिक सहभागिता और शारीरिक स्वतंत्रता में सुधार होता है। उन्होंने टाइम्स फिजियो के केस स्टडीज को साझा करते हुए लाइव डेमो के जरिए लिंफ ड्रेनेज, स्कार टिशू मोबिलाइजेशन, कंधे और मुख के व्यायामों को सिखाया।
टाइम्स फिजियो के सदस्यों डॉ. विभोर बकलीवाल और डॉ. यश गोस्वामी ने फिजियोथैरेपी में विदेशों में करियर एवम् उच्च शिक्षा के अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने विदेशों की लाइसेंस प्रक्रिया, कोर्स चयन, इंटरव्यू प्रिपरेशन आदि के बारे में गहनता से समझाया। गेस्ट लेक्चर के दौरान कोर्डिनेटर डॉ. नीलम चौहान के संग-संग डॉ. हरीश शर्मा, मिस हिमानी साह, श्रीमती शिप्रा गंगवार, मिस प्रिया शर्मा के अलावा एमपीटी और बीपीटी के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।