आंदोलित पुलिस परिवार को मिला DGP का आश्वासन, ऐसे होगी मांगे पूरी…. |

आंदोलित पुलिस परिवार को मिला DGP का आश्वासन, ऐसे होगी मांगे पूरी….

The agitating police family got the assurance of the DGP, the demands would be fulfilled like this....

DGP's Assurance

रायपुर/नवप्रदेश। DGP’s Assurance : छत्तीसगढ़ पुलिस में कार्यरत चतुर्थ वर्ग पुलिस कर्मियों की लंबित 22 मांगों पर डीजीपी अशोक जुनेजा ने संज्ञान लिया है। डीजीपी ने पुलिस परिवार को आश्वासन दिया कि अब जल्द ही उनकी मांगे पुरी हो जाएंगी।

मंगलवार को नवा रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में पुलिस परिवार के प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी अशोक जुनेजा से मुलाक़ात की। पीएचक्यू पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में क़रीब 11 सदस्य शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने अपनी 22 मांगों की सूची डीजीपी के सामने रखी और बीते कई सालों से उनकी कोई भी मांग अब तक पूरी नहीं होने की जानकारी भी दी। इस दौरान डीजीपी ने सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने सहानुभूतिपूर्वक मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है।

महिलाओं ने घेरी सड़कें

गौरतलब है कि पिछले शासन काल और वर्तमान शासन में भी चतुर्थ वर्ग के पुलिस कर्मचारियों पर राज्य सरकार (DGP’s Assurance) ध्यान नहीं देने का आरोप पुलिस परिवार ने लगाया है। यही कारण है कि सोमवार को प्रदेशभर के करीब 3 हजार से भी अधिक पुलिस परिवार के सदस्यों ने पीएचक्यू घेराव करने नवा रायपुर पहुंचे तो थे लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, हालांकि सभी को रिहा भी कर दिया गया था। लेकिन गुस्साए परिवार की महिलाओं ने मंगलवार को नई राजधानी के चीचा गांव की सड़क में ही बैठकर प्रदर्शन करने लगी। प्रदर्शन की सुचना मिलते ही पुलिस बल भेजकर इन्हे समझाया गया। करीब 2 घंटे तक महिलाओं का हंगामा जारी रहा, जिसके बाद डीजीपी ने इनके प्रतिनिधिमंडल को PHQ बुलाया और चर्चा की।

बीते कई वर्षों से प्रदेश के चतुर्थ वर्ग पुलिस कर्मियों का परिवार कई मसलो को लेकर राजधानी में आंदोलित पुलिस परिवार को थोड़ी राहत मिली। प्रतिनिधिमंडल की बात सुनने के बाद डीजीपी ने पुलिस परिवार के सदस्यों के साथ भोजन भी किया।

गृहमंत्री ने भी लिया संज्ञान

इधर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने इस मामलें में मिडिया से चर्चा के दौरान कहा कि “जिन लोगों ने घेराव किया है, उनमें से अधिकाँश बस्तर और कांकेर के तरफ के लोग हैं। उनकी मांग है कि बस्तर में सहायक आरक्षक, जो पहले एसपीओ हुआ करते थे,जिन्हें समय के साथ पदोन्नति भी दी गई। अब एसपीओ की डिमांड (DGP’s Assurance) है कि इन्हें आरक्षक बनाए जाए। पुलिस परिवार के लिए जितने भी वादे और दावे किए गए थे, उनको लेकर बैठक हो चुकी है। कई नियम लागू भी हो चुके हैं। कुछ आंशिक नियम बचे हैं जिसे भी जल्द लागू किया जायेगा।

ये है मुख्य मांग

पुलिस परिवार की मांग है कि निचले स्तर के पुलिसकर्मियों शोषण पूरी तरह से बंद हो, इसके साथ ही उनसे पुलिस अफसरों द्वारा जो घरेलू तथा अपने निजी कार्य कराए जाते हैं, उस पर रोक लगाई जाए। वेतन विसंगति दूर करने के साथ अन्य सरकारी विभाग के कर्मचारियों को जो सुविधाएं मिलती हैं, उस तरह की सुविधाएं निचले स्तर के पुलिसकर्मियों को भी दी जाए। साथ ही पुलिस परिवार की सबसे बड़ी मांग है पुलिसकर्मियों को अनिवार्य रूप से साप्ताहिक अवकाश देने के साथ काम का समय निर्धारित किया जाए।

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