Test Match Review : दो टेस्ट, साढ़े पांच दिन और 40 विकेट
नितेश छाबड़ा। Test Match Review : उपरोक्त स्कोर लाइन को देखकर तो यही लगता है कि कोई ऐसा देश भारतीय दौरे पर है, जिसे अभी टेस्ट मैचों के दर्जा हासिल नहीं हुआ है। भारतीय स्पिनरों के सामने मजबूत बैटिंग लाइनअप वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम की दुर्गति बहुत हैरान कर देने वाली बात है। ऑस्ट्रेलिया फिलहाल टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 है और उस्मान ख्वाजा, डेविड वार्नर, मार्नस लेबुशेन, स्टीव स्मिथ, एलेक्स केरी को महारथी बल्लेबाज माना जाता है।
देखा जाए तो दोनों टेस्ट मैच तीसरे दिन के चाय के सत्र के आसपास समाप्त हो गए। इन्हें एक साथ जोड़ा जाए तो साढ़े पांच दिन का ही खेल हो पाया। इस दौरान टीम इंडिया ने लगभग ढाई परियां खेली, तो वही कंगारुओं ने चार पारियों में अपने पूरे 40 विकेट खोए। यह तथ्य उनकी बल्लेबाजी की दुर्दशा की कहानी बयां करने के लिए पर्याप्त है। ऐसा पहली बार नही है कि ऑस्ट्रेलिया को भारतीय दौरे में हार का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले भी ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत में लगातार बहुत से टेस्ट मैच हारी है। मगर उन मैचों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने इस तरह से हथियार नही डाले थे। वे संघर्ष करके हारे थे। इस बार की हार ऑस्ट्रेलिया के लिए बहुत ही शर्मनाक और निराशाजनक है। क्रिकेट प्रेमियों को ये उम्मीद थी कि कंगारू भारतीय टीम के सामने कड़ी चुनौती पेश करेंगे और जबरदस्त क्रिकेट देखने को मिलेगी।
पिच का भूत निकला, स्वीप का भूत हावी हुआ
सीरीज के पहले टेस्ट की शुरुआत से पहले ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और उनके पूर्व क्रिकेटरों ने पिच को लेकर बहुत बातें की थीं। भारतीय टीम को दबाव में लेने के इस माइंड गेम में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज खुद ही दबाव के शिकार हो गए। उनकी बल्लेबाजी में पिच का भूत हावी रहा। जबकि नागपुर की पिच ऐसी भी नही थी कि उस पर बल्लेबाजी न की जा सकती हो। नागपुर टेस्ट के बाद पैट कमिंस ने मीडिया से बात करते हुए अपनी खराब बल्लेबाज़ी को हार का जिम्मेदार ठहराया था।
ऑस्ट्रेलियाई टीम संघर्ष क्षमता और वापसी के लिए जानी जाती है। दिल्ली टेस्ट में पहले दिन ख्वाजा और हैंड्सकोम्ब की आक्रामक पारियों ने एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर लिया था। उसके बाद जब टीम इंडिया के 7 विकेट जल्दी गिर गए तो यह मैच ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में जाता दिखाई पड़ा। यहीं पर भारतीय टीम की बल्लेबाजी की गहराई नज़र आई।
अक्षर पटेल और अश्विन की बेहतरीन पारियों ने ऑस्ट्रेलिया के हाथों से मैच छीन लिया। अश्विन पहले भी कई बार फंसे मैच में अच्छी बल्लेबाजी कर चुके हैं, मगर अक्षर की अद्भुत बल्लेबाजी ने सबको आल्हादित किया है। नागपुर में भी स्पिन लेती पिच पर उसने परिपक्व बैटिंग की थी। इस पारी में तो उसने परिपक्वता के साथ मजबूत मानसिकता का परिचय भी दिया। दूसरे दिन के आखिरी घंटे में फिर ऑस्ट्रेलिया ने पलटवार किया और अपनी स्थिति सुदृढ कर ली।
तीसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम से उम्मीद की जा रही थी कि वे कम से कम दो सत्र तक बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 225 से 250 तक का लक्ष्य देंगे। यदि वे ऐसा कर पाते तो भारत को चौथी पारी में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता। मगर उनके खेल को देखकर यही लगा कि वे यह तय करके आए थे कि स्पिनरों पर स्वीप खेलते हुए उनकी लाइन और लेंथ को बिगाड़ना है। यह रणनीति खराब नहीं थी।
इससे पहले के दौरों में कई दफा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने भारतीय स्पिनरों के विरुद्ध इसी तरह अच्छे स्कोर किए हैं। पर दिल्ली के विकेट में गेंद शुरुआत से ही नीची रह रही थी। इस बार ऑस्ट्रेलियाई टीम की यह रणनीति पूरी तरह फेल हो गई। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों ने जडेजा और अश्विन की गेंदों को सीधे बल्ले से खेलने का कोई प्रयास ही नही किया और वे लागातार स्वीप और रिवर्स स्वीप के प्रयास में धराशायी होते चले गए।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के करीब टीम इंडिया
भारतीय टीम ने दोनों टेस्ट जीतकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुँचने का रास्ता अब आसान कर लिया है। वैसे तो यही कहा जा रहा कि शर्तिया तौर पर टीम फाइनल में प्रवेश कर चुकी है। मगर अभी भी गणितीय तौर पर बाहर होने से बचने के लिए एक टेस्ट और जीतना होगा। इंदौर टेस्ट मैच को जीतकर भारतीय टीम इसको पुख्ता कर लेना चाहेगी। श्रीलंका भी फाइनल पहुँचने की होड़ में है। कोई बड़ा उलटफेर नही होता है, तो भारत और ऑस्ट्रेलिया ही फाइनल में होंगे ।
टीम इंडिया के टॉप आर्डर बल्लेबाजी में अभी भी सुधार की जरूरत
अपनी पिच पर भारतीय टीम की बल्लेबाजी हमेशा से अच्छी रही है। मगर पिछले कुछ समय से टॉप आर्डर बल्लेबाज़ों से ज्यादा रन नही निकल पा रहे हैं। वे रन कर भी रहे है तो टुकड़ो में स्कोर कर रहे है। एक साथ मिलकर बड़ा स्कोर नही जुटा पा रहे है। इसकी एक सबसे बड़ी वजह सलामी जोड़ी का बड़ी पार्टनरशिप नही लगा पाना भी है। इसके अलावा मध्यक्रम में पंत की भी कमी साफ साफ नजर आ रही है।
दिल्ली टेस्ट के दूसरे दिन जब भारतीय टीम का मध्यक्रम नाथन लायन के सामने संघर्ष कर रहा था, तब टीवी कमेंट्री के दौरान लीजेंड सुनील गावस्कर भी यह कहते सुनाई दिए थे कि वे इस टीम में पंत की कमी को बहुत महसूस कर रहे है। रोहित फिलहाल अच्छे फॉर्म में हैं। विराट अभी भी फॉर्म के लिए जूझ रहे हैं। उन्हें एक बड़ी पारी की जरूरत है। दिल्ली में वे लंबी पारी की तरफ बढ़ रहे थे, मगर नितिन मेनन के विवादास्पद निर्णय ने उन्हें निराश कर दिया। हम उम्मीद कर सकते हैं कि इंदौर में वे बड़ी पारी खेलेंगे।