मणिपुर में बढ़ा तनाव: ‘एनपीपी’ ने सरकार से समर्थन वापस लिया; कांग्रेस विधायक इस्तीफा देने की तैयारी में

manipur violence
-इस हिंसक आंदोलन के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक घर पर हमले का प्रयास
इम्फाल। manipur violence: छह लापता लोगों के शव मिलने के बाद अशांत मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क उठी है। इस हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने दस विधायकों के घरों पर हमला किया और चार विधायकों के घरों में आग लगा दी। आग में बीजेपी के तीन और कांग्रेस के एक विधायक का घर क्षतिग्रस्त हो गया।
इस हिंसक आंदोलन के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (manipur violence) के पैतृक घर पर हमले का प्रयास किया गया। हालांकि पुलिस ने समय रहते मोर्चा संभाल लिया जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई। नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की पूर्ण विफलता की आलोचना करते हुए, मणिपुर में सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की। इसके अलावा सभी कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा देने की तैयारी कर ली है।
60 सदस्यीय विधानसभा में एनपीपी के 7 और बीजेपी के 37 विधायक हैं। समर्थन वापसी के बाद भी सरकार के पास 46 विधायक हैं। हिंसा के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी प्रचार बैठकें रद्द कर दी हैं और राजधानी दिल्ली लौट आए हैं। सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति की समीक्षा के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की।
कई जिलों में कफ्र्यू, इंटरनेट सेवा बंद
- सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रशासन ने इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चितकालीन कफ्र्यू लगा दिया है।
- मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमले के बाद प्रशासन ने सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं।
अफाप्सा हटाएं
इंफाल घाटी में संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली ‘मणिपुर इंटीग्रिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी’ ने 24 घंटे के भीतर उग्रवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ-साथ सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफपीएसए) को हटाने की मांग की है।
युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग
कुकी समुदाय संगठन ने यह रुख अपनाया है कि वे मुठभेड़ में मारे गए 10 युवकों का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक उनके परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल जाती।