Teachers Training : सचिव बोले- विद्यार्थियों को एकेडमिक एक्सिलेंट बनाना
रायपुर/नवप्रदेश। Teachers Training : स्कूल शिक्षा विभाग की सचिव डॉ. एस. भारती दासन ने एसआईआरडी में अंग्रेजी माध्यम स्कूल के शिक्षकों के प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ अवसर पर अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का उद्देश्य बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को एकेडमिक एक्सिलेंट बनाना है। उन्होंने कहा कि गरीब घर बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके, वह भी अंग्रेजी माध्यम से अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सके।
डॉ. दासन ने कहा कि सभी बच्चे अच्छे होते हैं, सभी में योग्यता होती है, यदि कोई बात सीख नहीं पा रहा है तो शिक्षक को अपना आकलन करने की आवश्यकता है। बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए स्वयं भी अनुशासन का पालन करना होगा। कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता, किन्तु शिक्षक बच्चों को परफेक्ट के निकट पहुंचाने का प्रयत्न तो कर सकते हैं। उहोंने कहा कि यह प्रशिक्षण शिक्षकों की क्षमता विकास में सहायक होगा।
स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल (Teachers Training) के शिक्षकों का प्रशिक्षण आज राजधानी में एक साथ पांच स्थानों-एससीईआरटी, सीटीई, डाईट, काईट और ठाकुर प्यारेलाल ग्रामीण विकास संस्थान (एसआईआरडी) में प्रारंभ हुआ। इन स्थानों पर 500 शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण में शिक्षकों को पेशेवर दक्षता, भाषा दक्षता, नेतृत्व प्रबंधन कौशल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बच्चे शिक्षकों को देखकर ही सीखते हैं : राजेश सिंह राणा
स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव राजेश सिंह राणा ने नवनियुक्त शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट योजनांतर्गत प्रारंभ किए गए स्कूल में नियुक्त होना गर्व की बात है। यह प्रदेश की उच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है और आप इसके महत्वपूर्ण अंग हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे शिक्षकों को देखकर ही सीखते हैं। इसलिए सबसे पहले शिक्षकों को वेशभूषा, आचरण में बदलाव लाना पड़ेगा और बच्चे के स्तर पर जाकर उसे बातचीत करनी होगी। शिक्षकों को नकारात्मकता को छोड़कर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चे जो देखते हैं, वही सीखते हैं। शिक्षक बच्चे को जो देना चाहते हैं उसे अपने आचरण में भी लाना होगा। उन्होंने अपने स्कूली समय को याद करते हुए कहा कि मैं जिस शिक्षक को देखकर सीखा है उनके आचरण को आज भी याद करता हूं।
राणा ने कहा कि बच्चों को रोबोट नहीं बनाना है। बच्चों में नैतिक शिक्षा कैसे लाएं इस पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि इसका उल्लेख राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों में आत्मविश्वास की कमी नहीं है, केवल उनको प्रशिक्षण का मौका दिया जाए। इससे विभिन्न विषयों में बातचीत करने, सांस्कृतिक कार्यक्रम और योग की भी व्यवस्था एससीईआरटी द्वारा की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने शंकरनगर स्थित एससीईआरटी केन्द्र में प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिए और आगामी सत्र के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर (Teachers Training) सहायक निदेशक सेज सेल कौस्तुभ चटर्जी, साक्षरता मिशन के संचालक एवं नोडल अधिकारी प्रशांत पांडेय, रिसोर्स पर्सन चरनित संधू, कमला राजपाल, कविता मिश्रा, मनोज कुमार शर्मा और प्रज्ञा सेनापति उपस्थित थे।