Teachers Suspension : विद्या के मंदिर में अनुशासन तोड़ने वाले 4 शिक्षक सस्पेंड

Teachers Suspension
Teachers Suspension : शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। लंबे समय से जारी खींचतान और कई दौर की चेतावनियों के बाद आखिरकार कार्रवाई की गाज शिक्षकों पर गिर ही गई। बताया जा रहा है कि कुछ शिक्षक लगातार आदेशों की अनदेखी कर रहे थे। कई बार समझाइश और नोटिस जारी होने के बावजूद हालात नहीं बदले। अंततः अब विभाग ने कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है।
पहले तो इस मामले को सामान्य प्रशासनिक लापरवाही मानकर छोड़ दिया गया था। लेकिन समय बीतने के साथ ये स्पष्ट होने लगा कि जानबूझकर नियमों से खिलवाड़ किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस बार ऊपर से भी कड़ा संदेश आया है – आदेश की अनदेखी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शुरुआती स्तर पर सिर्फ नोटिस (Teachers Suspension) देकर जवाब तलब किया गया था। मगर जब जवाब संतोषजनक नहीं मिला और लगातार आदेश के बावजूद शिक्षक अपने नए पदस्थापना स्थल पर नहीं पहुँचे, तब प्रशासन ने निलंबन की तैयारी शुरू कर दी। इसी क्रम में आखिरकार कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
घटना छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की है। यहां (Teachers Suspension) के तहत 4 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। वहीं युक्तियुक्तकरण के बाद ज्वाइनिंग नहीं करने वाले कई अन्य शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और दो माह का वेतन भी रोक दिया गया है। बताया गया कि जिले के प्राथमिक शालाओं के 292 सहायक शिक्षक, 15 प्रधान पाठक और माध्यमिक शालाओं के 153 शिक्षक अतिशेष पाए गए थे। (Teachers Suspension) प्रक्रिया के तहत इन शिक्षकों को दूरस्थ और शिक्षक विहीन विद्यालयों में भेजा जाना था।
सूत्रों के अनुसार, जिला स्तरीय समिति ने लंबे समय से खाली पड़े स्कूलों में पढ़ाई को नियमित करने के लिए यह निर्णय लिया। समिति ने अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना दूरस्थ इलाकों में करने का आदेश दिया था। लेकिन कुछ शिक्षकों ने नए स्कूलों में ज्वाइनिंग देने से इंकार कर दिया। (Teachers Suspension) को लेकर जब मामला बढ़ा तो कई ने जिला और संभागीय समिति में आवेदन लगाए।
कई मामलों पर जिला समिति ने सुनवाई कर निराकरण भी किया। 5 अभ्यावेदन मान्य पाए गए जबकि अधिकांश को अमान्य कर दिया गया। असंतुष्ट शिक्षक उच्च न्यायालय बिलासपुर भी पहुँचे। न्यायालय ने जिला समिति को एक सप्ताह में निराकरण करने का आदेश दिया। इस बीच, संभागीय समिति ने भी 2 मामलों को मान्य किया, लेकिन बाकी को खारिज कर दिया।
जब आदेश के बावजूद शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो जिला शिक्षा अधिकारी ने सख्त कदम उठाए। (Teachers Suspension) के तहत 4 सहायक शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा बाकी ऐसे शिक्षकों का वेतन रोका गया जिन्होंने स्कूल में उपस्थिति दर्ज नहीं की थी।
अधिकारी ने कहा कि जिले के अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। दूरस्थ इलाकों में जहां अब भी कमी है, वहाँ जिला खनिज न्यास मद से मानदेय शिक्षकों की व्यवस्था की गई है ताकि पढ़ाई बाधित न हो। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि आगे भी आदेश का पालन न करने वालों पर इसी तरह कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। (Teachers Suspension) का यह संदेश अब पूरे प्रदेश के शिक्षकों तक पहुँच गया है।