Teacher Suspended : SP के शिक्षक पिता को कलेक्टर ने किया निलंबित…किया यह निंदनीय कार्य
मुरैना/नवप्रदेश। Teacher Suspended : मुरैना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी एक बार फिर सुर्खियों में हैं और इस बार उनके खबरों में होने की वजह मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना है। बता दें कि पुलिस अधीक्षक आशुतोष बाग़री के पिता लालाजी बाग़री सतना में सरकारी शिक्षक हैं, जबकि माता गृहणी। दोनों इनकम टैक्स पेयर भी हैं और इसके बावजूद तीर्थ दर्शन योजना के तहत सरकारी खर्च पर तीर्थ यात्रा करने का आवेदन भरा। यहां तक कि पिता-माता के नाम की टिकट भी बन गई। हालांकि ये सूची सार्वजनिक होते ही बबाल बच गया। जिसके बाद प्रशासन ने जांच का आदेश दिया।
फ्री में तीर्थ यात्रा का लाभ उठाना पड़ा महंगा
आवेदन पर जांच की गई तो पता चला कि लाल जी बागरी पेशे से सरकारी शिक्षक (Teacher Suspended) हैं। वो वर्तमान में सोहावल जनपद के शासकीय हाईस्कूल मसनहां में बतौर सहायक शिक्षक पदस्थ हैं। जांच के बाद शिक्षक लाल जी बागरी निवासी गडरा का आवेदन निरस्त कर दिया गया। इस आवेदन में शिक्षक की पत्नी विद्या बागरी का भी जिक्र था। उल्लेखनीय है कि शिक्षक लाल जी बागरी सतना जिले के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी के पिता हैं। बागरी 2015 बैच के आईपीएस अफसर हैं।
इधर, सरकारी विद्यालय के शिक्षक के आवेदन को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने शिक्षक लाल जी बागरी को सस्पेंड कर दिया है। कलेक्टर ने कहा 24 से 29 जनवरी तक 250 तीर्थयात्री की द्वारका दर्शन की ट्रेन के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत पंजीयन कराया है। चूंकि शिक्षक लोक सेवक हैं और आयकर दाता हैं ऐसे में वह इस योजना का लाभ उठाने के अपात्र हैं।
कलेक्टर ने कर दिया निलंबित
बता दें कि ये सूची सार्वजनिक होते ही मुरैना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी विवादों में आ गए और जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया। दोनों को अपात्र माना गया और इस मामले में सहायक शिक्षक लालजी बागरी को भी बिना विभागीय अनुमति लिए तीर्थ यात्रा पर जाने का प्रयास करने पर निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, लालजी बागरी के मुताबिक वे यात्रा नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने विभागीय अनुमति नहीं ली। उनके परिचित ने फॉर्म भरा और सिर्फ उन्होंने साइन किए. उन्होंने कहा कि आयकर दाता व शासकीय सेवक के फार्म में अपात्र होने का कॉलम नहीं था और न ही उन्हें नियम-कायदों की जानकारी थी।
कलेक्टर ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि तथ्यों को छिपा कर योजना का लाभ उठाने का प्रयास किया गया है जो मध्यप्रदेश सिविल सेवा अचारण नियम 1965 के नियम 3. 3 ख के विपरीत है। इसलिए शिक्षक को निलंबित किया गया है। इस अवधि में वह विकासखंड मैहर के बीईओ कार्यालय (Teacher Suspended) में सेवा देंगे।