Taliban Rule Coming Bleeding Kabul : लहूलुहान हुआ काबुल…
Taliban Rule Coming Bleeding Kabul : अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद जैसी की आशंका थी वहां लूटपाट, मारकाट के बाद अब सीरियल बम विस्फोट भी हो गया। काबुल हवाई अड्डे के पास हुए तीन सीरियल ब्लास्ट में 170 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और लगभग उतने ही लोग घायल हो गए जिनमें से कई की हालत अभी भी गंभीर है।
मतलब मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। इस विस्फोट में १३ अमेरिकी सैनिक भी शहीद हो गए। गौरतलब है कि काबुल एयरपोर्ट अभी भी अमेरिकी सैनिकों के नियंत्रण में है। अमेरिका ने इस बम विस्फोट में मारे गए १३ अमेरिकी सैनिकों की शहादत का बदला लेने का एलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन ने कहा है कि अमेरिका अपने सैनिकों की शहादत को नहीं भूलेगा और हमलावारों को चून-चून कर उनके किए की सजा देगा।
जरूरत पड़ी तो अमेरिका अफगानिस्तान में और सैनिक भेजेगा। काबुल को लहूलुहान (Taliban Rule Coming Bloody Kabul) करने की जिम्मेदारी कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है जो अब अमेरिका के निशाने पर आ गया है। तालिबान में हालात लगातार बद से बदतर हो रहे है और अभी भी अफगानिस्तान में अमेरिका और भारत सहित कई देशों के हजारों नागरिक फंसे हुए है जिनकों वहां से सुरक्षित निकालने के लिए सभी देश रेस्क्यू कर रहे है लेकिन यह काम चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।
काबुल में हुए सीरियल विस्फोट के बाद वहां और इस तरह के हमले होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। यही वजह है कि सभी देश इस समय अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे है। भारत ने भी आपरेशन देवी शक्ति अभियान चला रखा है और जल्द से जल्द वहां से भारतीयों की सुरक्षित वापसी का प्रयास कर रहा है। जब वहां से सभी देश के लोगों की वापसी हो जाएगी उसके बाद ही अफगानिस्तान के बिगड़ते हालातों को देखकर विश्व बिरादरी वहां दखल देगी।
भारत भी अभी वेट एंड वाच की नीति का पालन कर रहा है। इधर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर आपात बैठक बुलाई है। काबुल (Taliban Rule Coming Bloody Kabul) में हुए विस्फोट की सभी देशों ने निंदा की है, भारत ने भी इसकी कड़ी निंदा करते हुए दुनिया के सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आव्हान किया है।
वास्तव में आज इसी बात की जरूरत है कि अफगानिस्तान के मामले में दुनिया के सभी देश एकजुट हो और तठस्थ रहने का रवैया त्यागे, क्योंकि तालिबान एक आतंकवादी संगठन है जो अफगानिस्तान की सत्ता पर जबरिया काबिज हुआ है और वह सभी देशों के लिए खतरा बन सकता है।