Surya Grahan 2023: भारत में नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण, जानें ग्रहण की टाइमिंग और सूतक काल, सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव!

Surya Grahan 2023: भारत में नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण, जानें ग्रहण की टाइमिंग और सूतक काल, सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव!

Surya Grahan 2023: Solar eclipse will not be visible in India, what will be its positive and negative effects across the world,

Surya Grahan 2023

-14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण, बढ़ती महंगाई, इजराइल युद्ध, देखें कैसे विभिन्न क्षेत्रों पर असर

Surya Grahan 2023: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा। इस सूर्य ग्रहण की अवधि काफी लंबी होने वाली है। ज्योतिष गणना के अनुसार इस सूर्य ग्रहण के बाद दुनिया में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का देश-दुनिया पर क्या असर पड़ेगा।

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आश्विन अमावस्या, शनिवार, 14 अक्टूबर को होगा। भारतीय समय के मुताबिक सूर्य ग्रहण रात 8.34 बजे से 2.35 बजे के बीच लगेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। जबकि उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के बड़े हिस्से में देखा जाएगा।

इस वलयाकार सूर्य ग्रहण की लंबी अवधि और ग्रहण के दौरान बृहस्पति के साथ मंगल, शनि, राहु और केतु की उपस्थिति इस सूर्य ग्रहण को अब तक के प्रमुख ग्रहणों में से सबसे खास बनाती है। इस सूर्य ग्रहण के समय, बुध अमावस्या के दिन कन्या राशि में सूर्य और चंद्रमा के साथ युति करेगा।

पांचवीं शताब्दी की वराहमिहिर की पुस्तक बृहत् संहिता के अनुसार, कन्या राशि में ग्रहण कृषि से जुड़े लोगों, कवियों के लिए प्रतिकूल होगा। , विद्वान, लेखक, गायक, निर्माण श्रमिक। ग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्रमा पर बुध के प्रभाव से घी, शहद, तेल के उत्पादन पर असर पड़ेगा और महंगाई बढ़ेगी।

यह ग्रहण चित्रा नक्षत्र में पड़ रहा है और इसके तहत आभूषण, फैशन डिजाइनिंग, ज्वैलर्स, इत्र व्यापारी, कपड़ा उद्योगपति, होटल व्यवसाय आदि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आभूषण, डिजाइनर कपड़ों की कीमतें बढ़ेंगी और कला के क्षेत्र में कलाकारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर भारतीय बाजार पर भी दिखाई देगा।

इजराइल हमास को और बदतर बना देगा

इजराइल की स्थापना कुंडली (14 मई, 1948) कन्या राशि, जिसमें यह सूर्य ग्रहण इजराइल को हमास के खिलाफ युद्ध में निर्णायक बढ़त दिलाएगा। ग्रहण के समय कन्या राशि से आठवें विनाश भाव में बृहस्पति यह ज्योतिषीय संकेत दे रहा है कि कुछ अमानवीय और बड़ी त्रासदी है। इजऱाइल और हमास के बीच युद्ध गाजा पट्टी से मिस्र, जॉर्डन, सीरिया और लेबनान में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के बड़े पैमाने पर पलायन को एक गंभीर त्रासदी में बदल सकता है, जिससे आने वाले महीनों में इजऱाइल के प्रति लाखों लोगों का गुस्सा भड़क सकता है।

भूकंप, रहस्यमय बीमारियाँ, बड़े वित्तीय घोटाले अमेरिका होगा परेशान

यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ ब्राजील, कोलंबिया, चिली, पनामा, कैरेबियाई देशों, पैराग्वे, उरुग्वे आदि सहित पूरे दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। यदि हम कूर्मचक्र को उत्तर और दक्षिण अमेरिका के भूभाग पर रखें, तो अगले 30 दिनों में उत्तरी अमेरिका में मध्यम भूकंप और दक्षिण अमेरिका में बड़े भूकंप आने की संभावना है। अवकाहाद चक्र के अनुसार कन्या राशि के विक्षोभ के कारण पनामा और पेरू में भूकंप का सबसे अधिक खतरा होगा।

ग्रहण के समय मंगल वायु राशि में होगा और शनि के साथ त्रिकोण में होगा तथा बृहस्पति पर शनि और मंगल दोनों की दृष्टि अमेरिकी शेयर बाजार और राजनीति में बड़े संकट का संकेत है जिसका भारतीय बाजार पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा दक्षिण अमेरिका में रहस्यमयी बीमारियाँ या बुखार फैलने के कुछ ज्योतिषीय संकेत भी मिल रहे हैं।

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