Suraji Scheme : कम बारिश के बीच किसानों के लिए संजीवनी बना नरवा |

Suraji Scheme : कम बारिश के बीच किसानों के लिए संजीवनी बना नरवा

Suraji Scheme: Narva became Sanjeevani for farmers amidst less rain

Suraji Scheme

रायपुर/नवप्रदेश। Suraji Scheme : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सुराजी गांव के तहत नरवा के संरक्षण एवं विकास से किसानों को अब जमीनी स्तर में लाभ मिलना शुरू हो गया है।

बलोदा बाज़ार जिलें के कसडोल विकासखण्ड के अंर्तगत बहने वाली परसदा नाला के नरवा संरक्षण एवं विकास संरचनाओं से 3 ग्राम पंचायतों के 17 किसान लाभांवित हो रहें है। कम बरसात के बीच में यह नाला किसानों के लिए संजीवनी बूटी की तरह साबित हो रही है।

परसदा नाले में कुल 139 प्रकार के कार्य का चिन्हांकन (Suraji Scheme) किया गया है, जिसमें 10 ब्रशवुड चेक, 1 लुज बोल्डर बंड, 93 लुज बोल्डर चेकडेम, 15 लुज बोल्डर गली प्लग, 10 स्टेगर्ड लुज बोल्डर बंड एवं 10 गेबियन शामिल है।

इस प्रकार परसदा नाला में 139 प्रकार के संरचना का नरवा विकास के तहत निर्माण किया गया है। इस संरचना निर्माण से 3 ग्राम पंचायतो के 17 किसानों के द्वारा लगभग 48 एकड़ भूमि पर डबल फसल लिया जा रहा है।

Suraji Scheme: Narva became Sanjeevani for farmers amidst less rain

नाला में सरंचना निर्माण से तीन ग्राम पंचायतो में करीब 31.34 एकड़ सिंचित रकबा में वृद्धि हुई है। ग्राम परसदा निवासी पल्टूराम मंडावी पिता शिवशंकर मंडावी ने बताया कि वह अपनें 1 एकड़ खेत एवं बाड़ी में सतत रूप से सब्जी बाड़ी का कार्य किया जा रहा है, जिसमें नरवा के पानी का उपयोग उनकें द्वारा लिया जाता हैं।

इससे पल्टूराम मंडावी को 2 वर्षो में औसतन 1 लाख रुपये की वार्षिक आमदनी प्राप्त हुई है। नरवा विकास (Suraji Scheme) संरचना निर्माण से तीनो ग्रामो में औसतन 1.45 मीटर की भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि परसदा नाला विकासखंड मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर वनांचल क्षेत्र में प्रवाहित होती है। इस नाले की कुल लंबाई 17 किलोमीटर है, जिसमें से वन क्षेत्र में 12 कि.मी.एवं राजस्व क्षेत्र में 5 कि.मी. प्रवाहित होता है। नाले का विस्तार 3 ग्राम पंचायत क्रमश: ठाकुरदिया, नंदनिया एवं परसदा में है।

परसदा नाला चयन का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य करते हुए किसानो के अतिरिक्त आय में वृद्धि करना है। इसमें बहते हुए वर्षा जल का संरक्षण कर भू-जल स्तर मेें वृद्धि तथा किसानो के सिंचित रकबा में वृद्धि करना है।

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