बलात्कार, पास्को और महिला उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला..
-जस्टिस बीवी नागरत्न ने यह अहम आदेश दिया है
नई दिल्ली। Supreme Court big decision: सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं और नाबालिगों से जुड़े यौन उत्पीडऩ के मामलों में अहम आदेश पारित किया है। अदालत ने ट्रायल कोर्ट को बलात्कार पीडि़तों को सीआरपीसी के तहत जल्द से जल्द मुआवजा देने का निर्देश दिया। अदालत ने जिला और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों को निर्देशों को तेजी से लागू करने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे मामलों में पीडि़तों को जल्द से जल्द मुआवजा मिले।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल बाल संरक्षण अधिनियम के तहत बलात्कार के एक दोषी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इस बीच जब पीठ को बताया गया कि सत्र अदालत ने फैसला सुनाते समय पीडि़त को मुआवजा देने का निर्देश (Supreme Court big decision) नहीं दिया था, तो न्यायमूर्ति नागरत्न ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि यह एक बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा कि रेप पीडि़ता को भारतीय नागरिक संहिता की धारा 396 के तहत मुआवजा मिलना चाहिए। कोर्ट ने सभी जिला अदालतों को ऐसे मामलों में पीडि़तों को मुआवजा देने का निर्देश दिया।
अदालत सैबाज़ नूर मोहम्मद शेख की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे 2020 में महाराष्ट्र में 13 वर्षीय लड़की से बलात्कार का दोषी ठहराया गया था। अदालत को बताया गया कि उस समय ट्रायल कोर्ट ने पीडि़ता को मुआवजे के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया था। जस्टिस नागरत्न ने इसे सेशन कोर्ट की बड़ी गलती बताया और बॉम्बे हाई कोर्ट को पीडि़ता के मामले को देखने और उसे मुआवजा देने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में आगे कहा कि नोटिस जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) या राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) को भी दिया जाना चाहिए। अदालत ने रजिस्ट्री को सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रारों को आदेश प्रसारित करने का निर्देश दिया। इस नोटिस में कहा गया है कि रेप पीडि़ताओं को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए।