Supreme Court Judgment : सरकार निविदा में ऐसी शर्तें नहीं लिख सकती जो संवैधानिक गारंटियों का उल्लंघन करती हों : सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court Judgment
Supreme Court judgment : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सरकार बिना किसी उचित कारण के बाहरी लोगों के लिए बाजार बंद नहीं कर सकती और (Supreme Court judgment) निविदा में शर्तें लिखने के अपने अधिकार का प्रयोग संवैधानिक गारंटियों का उल्लंघन करने के लिए नहीं कर सकती।
जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की पीठ ने सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को खेल किट की आपूर्ति करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी निविदाओं को रद करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि समान अवसर के सिद्धांत के अनुसार प्रतिस्पर्धा के द्वार सभी समान स्थिति वालों के लिए खुले होने चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि निविदा नोटिस में उल्लिखित पात्रता मानदंडों का उसे जारी करने के उद्देश्य से तर्कसंगत संबंध होना चाहिए, अर्थात स्कूली छात्रों को सर्वोत्तम मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता वाली खेल किट उपलब्ध कराना।
कोर्ट ने कहा, वर्तमान मामले में (Supreme Court judgment) निविदा शर्त का प्रभाव उन बोलीदाताओं को बाहर करने का है जो आर्थिक और तकनीकी रूप से सक्षम हैं, लेकिन उन्हें पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार की एजेंसियों को खेल सामग्री की आपूर्ति का कोई अनुभव नहीं है। यह शर्त उन बोलीदाताओं के मौलिक अधिकारों का हनन करती है।
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार को अपनी नीतियों और प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि (Supreme Court judgment) सार्वजनिक हित के मामलों में प्रतिस्पर्धा को सीमित करने वाली शर्तें संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन मानी जाएंगी।