Supreme Court EV Policy Review : इलेक्ट्रिक वाहन नीति पर पुनर्विचार करने का सुप्रीम कोर्ट का आग्रह
Supreme Court EV Policy Review
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से 2020 की इलेक्ट्रिक वाहन नीति (Supreme Court EV Policy Review) पर पुनर्विचार करने और पिछले पांच वर्षों में हुए परिवर्तनों को शामिल करने के लिए कहा क्योंकि उसने एक महानगर से इसके कार्यान्वयन की मांग की है
जस्टिस सूर्यकांत और जोयमाल्या बागची की पीठ ने केंद्र की ओर से उपस्थित अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से कहा कि वे पिछले पांच वर्षों में हुए परिवर्तनों पर ध्यान दें और उन्हें राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना (एनईएमएमपी) 2020 (NEMMP 2020 Update) में शामिल करें, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और अपनाना है।
इस पर अटार्नी जनरल ने बताया कि केंद्र सरकार के 13 मंत्रालय वर्तमान में नीति की व्यवहार्यता पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
पीठ ने कहा, “नीति को पुनर्विचार की आवश्यकता है क्योंकि वर्षों में कई परिवर्तन हुए और इसे एक महानगर से शुरू होने वाले पायलट प्रोजेक्ट के जरिये लागू किया जा सकता है।” इसमें कहा गया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन, सरकारी संस्थानों द्वारा इन ईवी वाहनों को अपनाना और चार्जिंग पाइंट्स की उपलब्धता (EV Charging Infrastructure) जैसे विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
वेंकटरमणि ने कहा कि अंतर-मंत्रालय समूह केवल इन पहलुओं पर विचार कर रहा है और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। एनजीओ सेंटर फार पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआइएल) की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि यह 2019 की याचिका है जिसमें सरकार से 2020 की इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लागू करने और चार्जिंग स्टेशनों जैसी आवश्यक अवसंरचना बनाने का निर्देश मांगा गया है (Supreme Court EV Policy Review)।
आजकल लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को आसानी से अपना रहे हैं और उच्च श्रेणी के मॉडल बाजार में आ चुके हैं। इसने केंद्र को ईवी नीति के कार्यान्वयन के लिए एक रोडमैप तैयार करने का समय दिया। जनहित याचिका ने केंद्र से नागरिकों के ‘सांस लेने, स्वास्थ्य और स्वच्छ पर्यावरण’ के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने का निर्देश मांगा है ।
