Sukma Education Development : अब वक्त है रोशनी गांव-गांव पहुंचे…शिक्षा से बस्तर बदलने निकले उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा…

सुकमा, 4 जुलाई। Sukma Education Development : शिक्षा व्यवस्था को बहाल करना, विशेषकर बस्तर जैसे चुनौतीपूर्ण अंचल में, किसी आंदोलन से कम नहीं है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बीते वर्षों में कई स्कूलों को नक्सल हिंसा का शिकार होना पड़ा, कुछ स्कूलों को बम से उड़ा दिया गया जो मानवता के विरुद्ध अत्यंत निंदनीय कृत्य हैं। उक्त बाते उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कही।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने जिले के प्रवास के दौरान जिला मुख्यालय में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव और तेंदूपत्ता संग्रहको को चरण पादुका वितरण कार्यक्रम में शामिल (Sukma Education Development)हुए। उन्होंने जिले भर से आए स्कूली बच्चों से आत्मीय संवाद किया और उन्हें शिक्षा की नई शुरुआत के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत बैग, पुस्तक और गणवेश देकर किया।
बोर्ड परीक्षा में अव्वल आने वाले परीक्षार्थियों का सम्मान और प्रतिभाशाली छात्रो को प्रमाण पत्र का वितरण क़िया एवं 10 हितग्राहियों को चरण पादुका का भी वितरण किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सुकमा जिले में प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक 1000 से अधिक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि शासन की मंशा है कि बस्तर के हर गांव तक संविधान की पूर्ण स्थापना हो, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और सुरक्षा के अधिकार गांव-गांव में सुदृढ़ (Sukma Education Development)हों। उन्होंने ग्रामीण युवाओं और अभिभावकों से आह्वान किया कि वे गांव की उन्नति में सक्रिय भागीदारी निभाएं, क्योंकि असली परिवर्तन स्थानीय नागरिकों की जागरूकता और सहयोग से ही संभव है।
उन्होंने कहा कि गांव में यदि शिक्षा है, तो अशिक्षा नहीं होगी। यदि स्वास्थ्य है, तो कुपोषण नहीं रहेगा। यदि भयमुक्त वातावरण है, तो कोई लाल आतंक नहीं रहेगा। यह कार्य बस्तर के लोग स्वयं कर सकते हैं और सरकार उनके साथ खड़ी है।
कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बच्चों को प्रतीकात्मक रूप से मुकुट पहनाया, प्रोत्साहन राशि और प्रवेश प्रमाण-पत्र वितरित किए और तेंदूपत्ता संग्रहको को चरण पादुका का भी वितरण (Sukma Education Development)किया। उन्होंने कहा कि ये प्रतीक मात्र नहीं, बल्कि एक नए भविष्य की ओर उनका पहला कदम है।
जिला प्रशासन की सहारना
उपमुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के समापन पर जिला प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन न सिर्फ प्रेरणादायी है, बल्कि समाज को सकारात्मक दिशा में जोड़ने वाला है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में एक बड़ी दुर्घटना में शहीद हुए पुलिस अधिकारी के परिवार के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं संवेदनशीलता के साथ खड़े रहे और संपूर्ण सहयोग प्रदान किया। उन्होंने कहा कि शहीदों की इच्छाएं कभी व्यर्थ नहीं जातीं वे समाज के संकल्प में परिवर्तित होती हैं।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि धनीराम बारसे, अरुण सिंह भदौरिया, राज्य महिला आयोग की सदस्य दीपिका सोरी, जिला पंचायत सुकमा अध्यक्ष मंगम्मा सोयम, जिला पंचायत दंतेवाड़ा अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, नगर पालिका परिषद् सुकमा अध्यक्ष हुंगाराम मरकाम, जिला पंचायत सदस्य हुंगाराम मरकाम, जिला पंचायत सदस्य कोरसा सन्नू, जनप्रतिनिधि कुसुम लता कवासी, रीना पेद्दी, सोयम मुक्का, दिलीप पेद्दी और अन्य जनप्रतिनिधि सहित सचिव पंचायत विभाग भीम सिंग , कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी पी. सुंदरराज, डीआईजी कमलोचन प्रसाद, कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, सीईओ जिला पंचायत नम्रता जैन, डीएफओ अक्षय भोसले सहित शिक्षा विभाग वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।