अचानक सब ठीक हो जाएगा, 'इस भ्रम में न रहें', भारत-चीन समझौते पर वीके सिंह ने कही बड़ी बात…

अचानक सब ठीक हो जाएगा, ‘इस भ्रम में न रहें’, भारत-चीन समझौते पर वीके सिंह ने कही बड़ी बात…

Suddenly everything will be fine, 'Don't live in this illusion', VK Singh said a big thing on India-China agreement…

Former army chief VK Singh

-पूर्व सेना प्रमुख और मौजूदा विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भारत-चीन विवाद पर अहम प्रतिक्रिया दी

नई दिल्ली। Former army chief VK Singh: पिछले कुछ सालों से चला आ रहा भारत-चीन सीमा विवाद आखिरकार खत्म हो गया है। लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में गश्त के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिस पर दोनों देशों ने मुहर लगा दी है। इस बीच पूर्व थल सेनाध्यक्ष और मौजूदा विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने इस पर अहम प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा ‘भारत और चीन पिछले कई महीनों से कूटनीतिक और सैन्य वार्ता कर रहे हैं। पहले सैन्य स्तर पर कुछ मतभेद थे, लेकिन अब यह एक अच्छा कदम उठाया गया है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है।

भारत की बड़ी सफलता, लेकिन…

एक चैनल से बातचीत में जनरल वीके सिंह (Former army chief VK Singh) ने कहा ‘इस समझौते के बाद दोनों सेनाएं डेपसांग और डेमचोक पर चर्चा करेंगी और आगे की दिशा तय करेंगी। लेकिन मुझे लगता है कि यह भारत के लिए एक बड़ी सफलता है, लेकिन इसे स्थानीय स्तर पर लागू होने में कुछ समय लगेगा। हमें इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि अचानक सब कुछ ठीक हो जाएगा। समझौते के बाद भविष्य कैसा होगा, यह कहना मुश्किल है। इसके कुछ नियम राजनयिक और सैन्य स्तर पर तय किए जाएंगे।

क्या सीमा समझौते से तनाव कम होगा?

भारत और चीन के बीच रिश्ते काफी समय से तनावपूर्ण हैं, लेकिन अब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर कुछ समझौते हुए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के मुताबिक सोमवार को भारत और चीन के बीच गश्ती समझौते पर हस्ताक्षर हुए है। इससे भारतीय सेना यहां फिर से गश्त कर सकेगी। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक मुठभेड़ के बाद तनाव बढ़ गया। लेकिन अब इस डील से सबकुछ ठीक होने की संभावना है।

विक्रम मिस्त्री ने आगे कहा कि गलवान घाटी में हुई घटना के बाद कुछ गश्ती स्थानों पर गश्त रोक दी गई थी, लेकिन इस प्रस्ताव से तनाव कम करने में मदद मिलेगी। चीन ने कुछ क्षेत्रों में सैन्य अड्डे भी बनाए, जिससे तनाव बढ़ गया। लेकिन अब इस प्रस्ताव के बाद इसका समाधान हो सकेगा। इस समझौते से देपसांग और डेमचोक जैसे संवेदनशील इलाकों में स्थिति में सुधार होगा।

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