Student Assessment Reform : अब वार्षिक के साथ तिमाही व छमाही का भी गिनेगा रिजल्ट
Student Assessment Reform
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों के मूल्यांकन (Student Assessment Reform) की पद्धति में बड़ा बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है। अब केवल वार्षिक परीक्षा के आधार पर परिणाम घोषित नहीं होंगे,
बल्कि पूरे साल की पढ़ाई और तिमाही व छमाही परीक्षाओं में प्राप्त अंकों को भी अंतिम परिणाम में शामिल किया जाएगा। हालांकि, यह नई व्यवस्था 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों पर लागू नहीं होगी। बोर्ड परीक्षाओं को इससे अलग रखा गया है।
इस नई प्रणाली से प्रदेश के करीब 45 लाख स्कूली छात्र-छात्राएं (Student Assessment Reform) के दायरे में आएंगे। विभागीय अफसरों का मानना है कि अब तक कई स्कूलों में तिमाही और छमाही परीक्षाएं केवल औपचारिकता बनकर रह गई थीं। छात्र और शिक्षक दोनों ही इन परीक्षाओं को गंभीरता से नहीं लेते थे। नई व्यवस्था के तहत इन परीक्षाओं के अंक सीधे फाइनल रिजल्ट में जुड़ेंगे, जिससे पढ़ाई और मूल्यांकन दोनों में गंभीरता बढ़ेगी।
नई प्रणाली के अनुसार कक्षा पहली से चौथी तक तिमाही परीक्षा के 20 प्रतिशत, छमाही परीक्षा के 20 प्रतिशत और वार्षिक परीक्षा के 60 प्रतिशत अंक जोड़कर अंतिम परिणाम तैयार किए जाएंगे।
वहीं कक्षा पांचवीं से आठवीं तक छमाही परीक्षा के 30 प्रतिशत और वार्षिक परीक्षा के 70 प्रतिशत अंकों के आधार पर रिजल्ट घोषित होंगे। इस बदलाव से छात्र (Student Assessment Reform) की मेहनत हर परीक्षा में समान रूप से मापी जाएगी और शिक्षक भी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देंगे।
विभागीय अफसरों ने बताया कि कक्षा नौवीं और 11वीं के विद्यार्थियों के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेजा गया है, जिस पर जल्द निर्णय होने की संभावना है। अधिकारीयों का कहना है कि यह कदम (Student Assessment Reform) शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और लगातार मूल्यांकन को बढ़ावा देगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से छात्र अपनी कमजोरियों को जल्दी पहचान सकेंगे और शिक्षक समय पर सुधारात्मक कदम उठा पाएंगे। इस तरह यह नई प्रणाली छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा ढांचे को मजबूत और विद्यार्थियों के सीखने के स्तर को बेहतर बनाएगी।
