संपादकीय: बिजली चोरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही जरूरी
Editorial: Strict action necessary against electricity thieves: बिजली के मामले मेें छत्तीसगढ़ सरप्लस राज्य रहा है। इसलिए यहां लोगों को चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध रहती है। इस साल गर्मी के मौसम में बिजली की खपत बढऩे के बावजूद विद्युत कटौती की नौबत नहीं आई है। जबकि अन्य राज्यों में बिजली की खपत बढऩे के कारण बिजली की घंटों कटौती होने लगी है। यहां तक कि देश की राजधानी नई दिल्ली में भी विद्युत संकट गहराने लगा है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के मुकाबले बिजली की दर भी सस्ती है जिसे हाल ही में २० पैसे प्रति यूनिट बढ़ाया गया है। विद्युत विभाग को यह निर्णय इसलिए लेना पड़ा है कि प्रदेश में बिजली की चोरी के चलते विद्युत मंडल को नुकसान पहुंच रहा है ।
बिजली की चोरी (Strict action necessary against electricity thieves) के कारण ही अनेक स्थानों पर बिजली की आंख मिचौली भी आम बात हो गई है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान जब बिजली बिल कथित रूप से आधा किया गया था । उस समय वोट की राजनीति के चलते बिजली चोरी की घटनाएं बढऩे लगी थी बिजली की यह चोरी अभी भी बदस्तूर जारी है। जिसे रोकने के लिए राज्य सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। अन्यथा बिजली चोरों के हौसले और ज्यादा बुलंद होंगे और इसकी वजह से विद्युत विभाग को करोड़ों की क्षति पहुंचेगी। इसकी पूर्ति के लिए फिर से बिजली की दरें बढ़ाने की नौबत आ सकती है। ऐसे में तो करंे कोई और भरे कोई वाली कहावत चरितार्थ होगी।
राज्य सरकार ने किसानों को और बीपीएल परिवारों को बिजली दरों में रियायत दी है। उसका भी बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किए जाने की शिकायतें जब तब सामने आती रहती हैं। इस समस्या का भी समाधान निहायत जरूरी है। विद्युत विभाग में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़े निर्देश दिए जाने की वे बिजली चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कार्यवाही तत्काल शुरू करें। बिजली बिलों का भुगतान समय पर न करने वाले नगरीय निकायों जैसे बड़े बकायादारों से भी सख्तीपूर्वक वसूली की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए।
कुल मिलाकर बिजली विभाग की व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करना अतिआवश्यक है ताकि इस भीषण गर्मी में और आने वाले बरसात के मौसम में प्रदेश के लोगों को निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति हो सके और बिजली (Strict action necessary against electricity thieves) की आंख मिचौली बंद हो सके। विपक्ष को भी बिजली के मुद्दे को लेकर सरकार पर आरोप लगाने का और इस मुद्दे पर राजनीति करने का मौका न मिल पाए।
उम्मीद की जानी चाहिए की राज्य सरकार इस मामले को गंभीरतापूर्वक लेगी और विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए जल्द से जल्द कारगर कदम उठाएगी। ताकि लोगों को बिजली को लेकर शिकायत न हो और विद्युत के मामले में सरप्लस राज्य छत्तीसगढ़ में शहरों से लेकर गांव कस्बों तक विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। ट्रांसफार्मरोंं की क्षमता बढ़ाने के लिए भी प्रभावी पहल करना आवश्य है।