संपादकीय: सांसद चौधरी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही जरूरी
Strict action is necessary against MP Chaudhary
Editorial: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान एक कुत्ते को लेकर संसद परिसर में पहुंची कांग्रेसी सांसद रेणुका चौधरी के खिलाफ सरकार संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने जा रही है जो सही कदम है। उक्त सांसद के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होना निहायत जरूरी है। उन्होंने संसद परिसर में अपनी कार में कुत्ते को लाने की हिमाकत की उसे तो एक बार माफ किया जा सकता है लेकिन इसके बाद जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने जवाब में जो कुछ कहा है वह अक्षम्य अपराध है।
रेणुका चौधरी ने कहा था कि यह तो पालतू कुत्ता है जो काटता नहीं है काटने वाले खतरनाक कुत्ते तो संसद के भीतर बैठै हैं। इस तरह उन्होंने जनता द्वारा चुने गये माननीय संासदों की तुलना काटने वाले कुत्तों से कर दी। ऐसा बयान देते समय वे यह भी भूल गई कि वे खुद भी इसी संसद में एक सांसद के रूप में बैठती हैं। प्रजातंत्र के पवित्र मंदिर कहलाने वाली संसद का इससे बड़ा अपमान और कुछ नहीं हो सकता।
जब पत्रकारों ने रेणुका चौधरी से यह कहा कि उनके इस बयान को लेकर संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जा रहा है तो उन्होंने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए भौं-भौं करके यह साबित कर दिया कि उनके पास किसी सवाल का जवाब नहीं है। सांसदों का ऐसा घोर अपमान करने वाली सांसद रेणुका चौधरी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी ही चाहिए ताकि फिर कोई ऐसी हिमाकत करने की जुरूरत न करें।
