Street Vendors : भीम यूपीआई, रुपे के जरिए स्ट्रीट वेंडर्स को लेन-देन होगा आसान |

Street Vendors : भीम यूपीआई, रुपे के जरिए स्ट्रीट वेंडर्स को लेन-देन होगा आसान

Street Vendors: Transactions will be easy for street vendors through BHIM UPI, Rupay

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8000 स्ट्रीट वेंडर्स को डिजिटल लेनदेन के लिए प्रशिक्षित करने की तैयारी

रायपुर/नवप्रदेश। Street Vendors : डिजिटल इंडिया ने कोरोना काल में एक नया मुकाम हासिल किया है। ऐसे में सरकार अब धीरे-धीरे डिजिटल इकोनॉमी की ओर बढ़ रही है। महापौर एजाज ढेबर एवं आयुक्त प्रभात मलिक के आदेशानुसार नगर पालिक निगम के तहत आने वाले राजधानी शहर रायपुर के विभिन्न वार्डों के लगभग 8000 स्ट्रीट वेंडर्स को अब शीघ्र ही पूरी तरह डिजिटल करने की तैयारी की जा रही है।

इस अभियान का उद्देश्य यूपीआई क्यूआर कोड पर सड़क विक्रेताओं को डिजिटल ज्ञान में तेजी लाना और उन्हें डिजिटल भुगतान के माध्यम से लेनदेन स्वीकार करने का काम शुरू करना है। स्ट्रीट वेंडर्स को डिजिटल लेनदेन के सम्बन्ध में प्रशिक्षण राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन द्वारा भारत पे के सहयोग से दिया जा रहा है। उन्हें UPI , QR Code के सम्बन्ध में जानकारी दी जा रही है।

भारत पे एग्रीग्रेटर्स ने पटरी रेहड़ी वाले सस्ट्रीट वेंडर्स (Street Vendors) को भी डिजिटल लेनदेन से जुड़कर उसका लाभ उठाने प्रशिक्षण से जुडऩे की स्वीकृति दे दी है। स्ट्रीट वेंडर्स ठेलों एवं पटरी रेहड़ी वालों को प्रशिक्षण में डिजिटल लेनदेन के प्रशिक्षण में डिजिटल ट्रांजेक्शन कैसे करना है।

डिजिटल एप्प का उपयोग कैसे करें, उसे अपडेट कैसे करें, लागत एवं बचत कैसे होगी, उसकी सुरक्षा कैसे करें, ताकि साइबर ठगी से बच सकें, जैसे कई विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डिजिटल एप्प के माध्यम से लोन लेने की प्रक्रिया की स्ट्रीट वेंडर्स (Street Vendors) को ट्रेनिंग दी जा रही है इस हेतु उन्हें क्यू कोड भी दिया जा रहा है।

ये पहल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) और शहरी कार्य मंत्रालय (MOHUA) द्वारा संयुक्त रूप से पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के डिजिटल ज्ञान प्राप्ति के लिए विशेष अभियान के प्रमुख भाग का शुभारम्भ किया गया।

भारत में स्ट्रीट वेंडर्स

नियमों के अनुसार, जिन लोगों के पास स्थायी दुकान नहीं है, उन्हें स्ट्रीट वेंडर्स (सड़क विक्रेता) माना जाता है।

सरकारी अनुमानों के अनुसार, देश भर में कुल (गैर-कृषि) शहरी अनौपचारिक रोज़गार में से तकरीबन 14 प्रतिशत लोग स्ट्रीट वेंडर्स हैं।

भारत में अनुमानित 50-60 लाख स्ट्रीट वेंडर्स हैं, जिसमें से सबसे अधिक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अहमदाबाद जैसे शहरों में मौजूद हैं।

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