संपादकीय: आंध्र सरकार की अजीबोगरीब फरमान
Strange orders of Andhra government: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की है कि आंध्र प्रदेश के नगरीय निकायों और पंचायत चुनाव में उन्हीं लोगों को चुनाव लडऩे का पात्र माना जाएगा। जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे। चंद्रबाबू नायडू के मुताबिक आबादी बढ़ाना आवश्यक है। इसीलिए उनकी सरकार लोगों को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और आगे भी इस तरह की योजनाएं बनाएगी।
निश्चित रूप से आंध्रप्रदेश सरकार का यह फरमान अजीबोगरीब है। देश के कुछ राज्यों में दो से अधिक बच्चों वालों नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव लडऩे से अयोग्य करार देने की कवायद चल रही है। वहीं आंधप्रदेश सरकार इस तरह की घोषणा करके उल्टी गंगा बहा रही है। आज भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन चुका है। और हमारे देश में जनसंख्या विस्फोट का खतरा उत्पन्न हो गया है।
लगातार बढ़ती आबादी के कारण ही हमारा देश गरीबी और बेराजगारी जैसी विकट समस्याओं के मकर जाल में उलझता जा रहा है। यही वजह है कि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग लगातार उठ रही है। वहीं दूसरी ओर आंध्रप्रदेश सरकार आबादी बढ़ाने के लिए लागों को पे्ररित कर रही है। जिससे आगे चलकर बढ़ती आबादी पर प्रभावी रोक लगा पाना मुश्किल हो जाएगा। जनसंख्या विस्फोट के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए आज जरूरत इस बात की है कि दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ती आबादी पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाये जाएं।
इसके लिए देश में जल्द से जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर उसे सख्ती पूर्वक लागू किया जाये। किन्तु यदि आंध्रप्रदेश की तरह ही अन्य राज्यों की सरकारें भी इसी तरह के उटपुटांग फैसले लेती रहेंगी तो जनसंख्या विस्फोट के खतरे को टाला नहीं जा सकेगा। बेहतर होगा कि आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू अपनी इस फरमान पर पुनरविचार करेें और इसे तत्काल वापस लें।