Steel Plant Pollution : स्टील प्लांट फैला रहा प्रदूषण, CM सोरेन सख्त, जांच के आदेश
Steel Plant Pollution
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रामगढ़ जिले में स्थित एक निजी स्टील फैक्ट्री (Steel Plant Pollution) से फैल रहे गंभीर पर्यावरण प्रदूषण के आरोपों पर कड़ा रुख अपनाते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के सामने आने के बाद की गई है, जिसमें फैक्ट्री परिसर से भारी मात्रा में धुआं, राख और धूल निकलते हुए साफ तौर पर दिखाई दे रही है।
बताया गया कि यह वीडियो स्थानीय निवासी सुरेंद्र द्वारा रिकॉर्ड किया गया था। वीडियो में दावा किया गया कि स्टील प्लांट से निकलने वाली राख और बारीक धूल आसपास के रिहायशी इलाकों, खेतों और हरित क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अशोक दानोदा नामक यूजर द्वारा साझा किया गया, जिसके बाद मामला तेजी से सार्वजनिक चर्चा में आ गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वीडियो को स्वयं रीपोस्ट करते हुए इस स्थिति को “बिल्कुल अस्वीकार्य” करार दिया। उन्होंने रामगढ़ के उपायुक्त को निर्देश दिए कि मामले की तत्काल जांच कराई जाए, प्रदूषण नियंत्रण नियमों (Steel Plant Pollution) के उल्लंघन की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाए और पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाए।
वायरल वीडियो में फैक्ट्री के आसपास की झाड़ियों, पेड़ों और खुली जमीन पर राख की मोटी परत जमी हुई दिखाई दे रही है। वीडियो में यह भी स्पष्ट है कि बारीक धूल के कण हवा में उड़कर दूर-दराज़ तक फैल रहे हैं, जिससे आसपास के खेतों और जंगल क्षेत्रों पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
वीडियो के साथ किए गए पोस्ट में व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा गया कि फैक्ट्री (Steel Plant Pollution) केवल स्टील ही नहीं, बल्कि राख और धूल के रूप में खेतों और जंगलों को ‘खाद’ भी सप्लाई कर रही है। इस टिप्पणी ने मामले की गंभीरता को और उजागर कर दिया।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है और यह जांच की जा रही है कि संबंधित स्टील प्लांट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का पालन कर रहा है या नहीं। उल्लेखनीय है कि रामगढ़ जिले में इससे पहले भी औद्योगिक इकाइयों पर वायु प्रदूषण, पर्यावरण नियमों की अनदेखी और सुरक्षा उपायों के उल्लंघन को लेकर कई बार शिकायतें सामने आती रही हैं।
इसके साथ ही रामगढ़ और आसपास के जिलों हजारीबाग और बोकारो में अवैध कोयला खनन के आरोप भी समय-समय पर उठते रहे हैं। आरोप है कि औद्योगिक मांग को पूरा करने के लिए जंगल क्षेत्रों से अवैध रूप से कोयला खनन कर भारी मशीनरी के जरिए फैक्ट्रियों तक पहुंचाया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को दोहरी मार पड़ रही है।
अब मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद यह देखना अहम होगा कि जांच में क्या सामने आता है और दोषी पाए जाने पर संबंधित औद्योगिक इकाई के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
