मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करे राज्य सरकार : चेम्बर

मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करे राज्य सरकार : चेम्बर

State government should provide exemption in market fee and farmer welfare fee: Chamber

Mandi Fee and Farmer Welfare Fee


रायपुर (नवप्रदेश)। Mandi Fee : छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि चेम्बर का एक प्रतिनिधि मंडल ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से मिलकर कृषि उपज मंडी शुल्क (Mandi Fee) एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करने के सम्बन्ध में सोमवार को एक ज्ञापन सौंपा।

चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि पोहा उद्योगों पर पूर्व में 1 % की दर से मंडी-शुल्क लगता था, परंतु छत्तीसगढ़ शासन की अधिसूचना क्र. 5923/ डी-15/ 116/ पार्ट-2 /2004/14-2 दिनांक 30.11.2021 छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी ( संशोधन ) अधिनियम 2020 में किये गये संशोधन के अनुसार अधिसूचित कृषि उपज की कीमत के प्रत्येक 100 रूपये पर मंडी शुल्क 3 रू. एवं कृषक कल्याण शुल्क 2 रू.की दर से दिनांक 01.12.2021 से आगामी आदेश तक प्रभावशील कर दी गई है। इसी प्रकार उपरोक्त अधिसूचना में किराना एवं दलहन पर 0.5% की दर से कृषक कल्याण शुल्क एवं मंडी शुल्क (Mandi Fee) 1 % प्रभावशील कर दी गई है।

श्री पारवानी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने हेतु आपकी 19-24 उद्योग नीति में खाद्य प्रसंस्करण को विशेष बढ़ावा दिया गया है, जिससे प्रोत्साहित होकर किसान, उद्योगपति एवं व्यापारियों का व्यवसाय सुचारू एवं सरलता से चल रहा है जिससे रोजगार के अवसरों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है।

वर्तमान अधिसूचना के आधार पर यदि मंडी शुल्क में वृद्धि होती है तो छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त पोहा, दलहन उद्योग एवं किराना व्यवसाय अन्य समीपवर्ती राज्यों के समक्ष प्रतिस्पर्धा में खड़े नहीं हो पायेंगे जिससे प्रदेश के पोहा, दलहन उद्योगों एवं उसमें कार्यरत श्रमिक बेरोजगार हो जायंेगे एवं किराना व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में पोहा मुरमुरा के लगभग 300 लघु उद्योग एवं दलहन उद्योग में लगभग 400 लघु उद्योग स्थापित हैं जिनमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50000 लोगों को रोजगार प्राप्त होता है और 100 % स्थानीय लोगों को ही रोजगार मिला हुआ है, इससे स्थानीय लोगों को परिवार के भरण-पोषण में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

पारवानी ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से अनुरोध किया कि पोहा, मुरमुरा,दलहन प्रसंस्करणकर्ताओं, एवं किराना , दलहन व्यवसाय को उपरोक्त मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क (Mandi Fee) से पूर्णतः मुक्त रखा जावे जिससे छत्तीसगढ़ शासन की उन्नति में सहभागी बने रहें एवं कार्यरत हजारों लोगों का रोजगार भी सलामत रहे।

प्र्रतिनिधि मंडल में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मंत्री-नीलेश मूंधड़ा, शंकर बजाज, जवाहर थौरानी, सुनील मलानी, रायपुर दाल मिल एसोसियेशन के अध्यक्ष संजीत गोयल, महामंत्री नानक तनवानी, कोषाध्यक्ष हरीमल सचदेव, उपाध्यक्ष- श्यामसुंदर गोयल, छत्तीसगढ़ पोहा मुरमुरा उत्पादक मासंघ के अध्यक्ष कमलेश कुकरेजा, राजेश थारानी, प्रेम गोविंदानी, अशोक थारानी, पोहा मुरमुरा संघ भाटापारा के संरक्षक- अनिल रोचलानी, अध्यक्ष-रंजीत दावानी, रूपेश किंगरानी, राकेेश मंधान, संजय सबलानी, अजय मंधानी, प्रहलादराय मंधानी, नंद हबलानी, संतोष पारप्यानी, जयराम काछेला, अमित थारानी, गुरमुख गंगवानी, अनिल गंगवानी, शंकर किंगरानी, अनिल किंगरानी, गोलू थारानी, राजनांदगांव पोहा मिल एसोसियेशन के अध्यक्ष विकास अग्रवाल, सूरज खंडेलवाल, नितेश लोहिया, बसंत चितलांग्या, अनुराग खंडेलवाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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